KAUSHAMBI: अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या तीन डा। राकेश कुमार नैन ने हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए दो आरोपियों पर आरोप साबित होने पर उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही अर्थदंड भी लगाया।

लूट के प्रयास में मारी गोली

अभियोजन के अनुसार थाना कोखराज के बड़े गांव निवासी नवाब अहमद पुत्र यार मोहम्मद ने आठ फरवरी 2003 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भाई जुनैद इलाहाबाद से बकरा बेचकर अपने भतीजे व गांव के एक अन्य युवक के साथ वापस आ रहा था। बरई गांव के पास रात आठ बजे अरहर के खेत से छिपे चार लोगों ने इन पर हमला कर दिया और रुपये छीनने लगे। विरोध करने पर बदमाशों ने गोली मार दी। घायल को लेकर इलाहाबाद एक अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां कुछ दिन के बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।

छह को बनाया आरोपी

विवेचना के दौरान छह लोगों को आरोपी बनाया गया। अभियुक्त मक्खन लाल की निशानदेही पर उसके घर से घटना में प्रयुक्त आला कत्ल एक अदद देशी तमंचा 12 बोर व कारतूस बरामद किया गया। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता त्रिलोकी चंद्र केसरवानी ने वादी मुकदमा सहित कुल दस गवाहों को परीक्षित कराया। न्यायालय ने आरोपी राकेश उर्फ पप्पू व मक्खन लाल पासी पर आरोप सिद्ध पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई तथा साथ ही दस-दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। शेष अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

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दुराचार के आरोपियों को सात वर्ष की कैद

KAUSHAMBI: फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने दुराचार के आरोपियों को सात वर्ष की कैद एवं पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन के अनुसार सरायअकिल थाना क्षेत्र के चकअहमदीपुर निवासी रामलाल पुत्र अनंदी प्रसाद ने 15 अक्टूबर 2007 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई कि गांव के ही दो युवक उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला कर भगा ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। पीडि़ता ने न्यायालय में अपने बयान में अभियुक्तों के विरुद्ध बहला-फुसलाकरभगाने व दुराचार करने की बात बताई। अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता घनश्याम कुमार ने पीडि़ता सहित कुल पांच गवाहों को परीक्षित कराया। फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश राजनारायण पांडेय ने उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद व पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त राजेंद्र पुत्र सुखलाल व बुधई पुत्र मोती लाल के विरुद्ध अपराध साबित पाते हुए उन्हें सात-सात वर्ष की कैद व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

Posted By: Inextlive