- डिस्ट्रिक्ट लेडीज हॉस्पिटल की लिफ्ट में जबरन 19 डॉक्टरों के घुस टूट गई थी लिफ्ट

- सेकंड फ्लोर से टूटकर नीचे गिरी लिफ्ट में लिफ्टमैन भी था सवार, गंभीर रूप से घायल

बरेली : एक लापरवाही कैसे जान पर भारी पड़ सकती है, सैटरडे दोपहर यह डिस्ट्रिक्ट लेडीज हॉस्पिटल में देखने को मिला। ओवरलोड हो जाने के कारण हॉस्पिटल की लिफ्ट दूसरे फ्लोर से टूट कर ग्राउंड फ्लोर पर आ गिरी। छह लोगों की कैपेसिटी (5 क्विंटल वजन) वाली लिफ्ट में 19 डॉक्टर्स के जबरन घुस जाने से हादसा हुआ। डॉक्टर और लिफ्टमैन आधे घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे। बाद में लिफ्ट के दरवाजे को तोड़कर सभी डॉक्टर्स को बाहर निकाला गया। हादसे में लिफ्टमैन गंभीर रूप से घायल हो गया।

जबरन घुस गए डॉक्टर

लिफ्ट मैन प्रमोद कुमार ने बताया कि बदायूं डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के 19 डॉक्टर्स को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था। दोपहर दो बजे ट्रेनिंग प्रोग्राम फिनिश होने पर सभी डॉक्टर सेकंड फ्लोर पर लिफ्ट के इंतजार में खड़े थे। लिफ्ट जैसे ही आई सभी एक साथ लिफ्ट में घुसने लगे। प्रमोद के मुताबकि, उसने कई बार डॉक्टर्स को चेताया था कि एक साथ इतने लोगों के लिफ्ट में आ जाने से हादसा हो सकता है। लिफ्ट की कैपेसिटी के बारे में भी बताया। लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। उससे धक्का-मुक्की कर सभी 19 डॉक्टर एक साथ लिफ्ट में घुस गए। नीचे आने के दौरान ओवरलोड लिफ्ट टूट गई और यह ग्राउंड फ्लोर पर आ गिरी।

लिफ्ट गिरने की खबर से हॉस्पिटल में हडकंप मच गया। लिफ्ट के अंदर भी चीख-पुकार मची हुई थी। किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था। तब हॉस्पिटल सुपरवाइजर संजीव ने सब्बल से लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर सभी डॉक्टरों को बाहर निकाला। बाहर आते ही डॉक्टर मौके से भाग निकले। दम घुटने और गर्मी के कारण प्रमोद की हालत ज्यादा बिगड़ गइर्।

वर्जन

ओवरलोड होने से लिफ्ट टूटी थी। 6 लोगों की क्षमता वाली लिफ्ट में जबरन 19 लोग घुस गए थे। लिफ्ट मैन को गंभीर हालत में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। बदायूं सीएमओ को लेटर जारी कर नुकसान की भरपाई के लिए कहा गया है।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस, महिला हॉस्पिटल।

हमारे पास हादसे की कोई शिकायत नहीं आई है। और डिपार्टमेंट को इसकी कोई जानकारी भी नहीं है कि महिला जिला अस्पताल में लिफ्ट भी लगी है। इंस्पेक्शन के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ओमप्रकाश, डिप्टी डायरेक्टर, इंलेक्ट्रिकल एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट

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हॉस्पिटल भी है लापरवाह

- 2018 की शुरुआत में ओपीडी के बाहर लिफ्ट लगाई गई थी।

- लिफ्ट लगने के बाद से एक बार भी इसका मेंटिनेंस नहीं हुआ।

- हॉस्पिटल ने लिफ्ट के रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवल भी नहीं कराया।

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क्या है नियम

- लिफ्ट लगवाने से पहले इलेक्ट्रिकल एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी

- अगर लिफ्ट की हालत जर्जर है तो विभाग फौरन इसको सील करवा सकता है।

- अगर रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराया है तो ओनर पर फाइन भी लगाया जा सकता है।

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लापरवाही पड़ जाएगी भारी

- सिटी में 10 साल में एक भी लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं

- 15 से 20 लिफ्ट सिटी में हर साल लगाई जाती हैं

- 05 साल के दौरान किसी ने नहीं कराया लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन

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नहीं हुअा इंस्पेक्शन

चौंकाने वाली बात यह है कि इलेक्ट्रिकल एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने मई 2019 तक सिटी में लगी एक भी लिफ्ट का इंस्पेक्शन नहीं किया। जबकि लिफ्ट लगने के बाद ही उसका इंस्पेक्शन जरूरी होता है। अगर लिफ्ट में कोई कमी पाई जाती है तो डिपार्टमेंट उसके इस्तेमाल को रोक लगा सकता है।

क्या 5 साल में सिर्फ एक लिफ्ट लगी

2013 में रामपुर गार्डन में बने एक अस्पताल के ओनर ने विभाग के पास लिफ्ट की परमिशन और रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेशन दी थी। डिपार्टमेंट अपने काम को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके पास सिटी में लगी लिफ्ट का कोई डाटा ही नहीं है।

Posted By: Inextlive