करीब दो दशक तक पेरू के एक यात्रा सर्कस की क्रूर कैद में रहने के बाद मुफासा नाम के शानदार बुजुर्ग शेर को जंगल में वापस जाने की आजादी मिली।

बेहद भावुकतापूर्ण था मुफासा को जंगल में आजाद देखना
जब दंगा नियंत्रक पुलिस और एक सरकारी वकील के संयुक्त प्रयासों के बाद मुफासा नाम के एक पहाड़ी शेर को पेरू के यात्रा सर्कस की कैद से 20 साल बाद रिहा करा करा के संरक्षित जंगल में छोड़ा गया तो ये उसके व्यवहार को देख कर रेस्क्यू टीम की आंखों में आंसू भर आए थे। मुफासा पेड़ों के बीच से गुजरते हुए खुशी से कभी छुप रहा था और कभी सामने आ रहा थ ये सब कुछ उसकी आजादी की खुशी को जाहिर कर रहा था। उसके इस अंदाज से उसे छोड़ने आयी टीम जो इस दृश्य को फिल्मा रही थी बेहद भावुक हो गयी।

पेरू में प्रतिबंधित है सर्कस में वन्य पशुओं बंधक रखना
हालाकि पेरू में जंगली पशुओं को सर्कस में बंधक बना कर रखना और उनको इस्तेमाल करना कानूनन प्रतिबंधित है इसके बावजूद ये यात्रा सर्कस 20 साल तक मुफासा को लेकर एक शहर से दूसरे शहर घूमता रहा और उससे करतब करवाता रहा। अंतत अंतरराष्ट्रीय पशु संरक्षक संस्था ADI, के सह संस्थापक जैन क्रीमर ने इस बात का संज्ञान लिया और मुफासा को रिहाई दिलवायी।

चेन और हार्नेस में फंसा रहता था मुफासा  
क्रीमर ने बताया कि मुफासा को चेन और हार्नेस से बंधे हुए एक पिंजरे सर्कस के लोडर के पीछे समान के साथ लदे देखना बेहद दर्दनाक था। इस क्रूर हालात में वो 20 साल से सर्कस के साथ एक शहर से दूसरे शहर में घूम रहा था। उन्होंने कहा कि जब 20  साल बाद उसकी रिहाई के दिन मुफासा की हार्नेस और भारी भरकम चेन को काटा गया तो और उसने अपने शरीर को फैला कर पहली बार अंगड़ाई ली तो वो एक शानदार दृश्य था। क्रीमर के अनुसार मुफासा को जंगल में आजादी के साथ पेड़ों के आगे पीछे घूमते देखना एक जादुई अहसास था।

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Posted By: Molly Seth