वोट बैंक पक्का करने का वैसे तो कई हथियार है. लेकिन चुनाव के समय शराब पिलाकर वोटर पक्का करना अमूमन हर चुनाव में चलता है. इस चुनाव में भी कुछ प्रत्याशी चोरी चुपके शराब बंटवाने का काम कर रहे हैं.

- अब तक पकड़ी जा चुकी है हजारों लीटर शराब

- शराब से भी वोटर्स को रिझा रहे हैं नेता

- चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद खेल जारी

MEERUT : वोट बैंक पक्का करने का वैसे तो कई हथियार है। लेकिन चुनाव के समय शराब पिलाकर वोटर पक्का करना अमूमन हर चुनाव में चलता है। इस चुनाव में भी कुछ प्रत्याशी चोरी चुपके शराब बंटवाने का काम कर रहे हैं। कुछ तो पिछले एक सप्ताह से ये कार्यक्रम चला रहे हैं। उनका शराब पिलाने का वोटिंग के दिन तक का पैकेज फिक्स है। खासकर उन बस्तियों में जहां मजदूर हैं, कामकाजी लोग हैं।

पुरानी परंपरा

चुनाव के दौरान पब्लिक को दारू पिलाना और वोट हासिल करने की परंपरा नई नहीं है। सालों से इस प्रयोग को आजमाया जाता रहा है। इस बार चुनाव आयोग के डंडा है इसलिए ये खेल बड़ी सफाई से हो रहा है। शराब फैक्ट्री से लेकर शराब की चुनिंदा दुकानों पर इन दिनों खपत ज्यादा है। वैसे शराब पर पुलिस और आबकारी की नजर है लेकिन बात नहीं बन रही।

वाह क्या तरीका है

पुलिस सूत्रों के अनुसार जिले से कई हजार लीटर दारू पुलिस और आबकारी टीम ने मिलकर पकड़ चुकी है और कई हजार लोगों को मुचलका पाबंद किया गया है। नेताओं ने कूट भाषा में शराब के लिए पर्चियां बना कर रखी हैं, गरीबचंद और अमीरचंद की। जिसमें गरीबचंद को पव्वा या हाफ और अमीरचंद को बोतल दी जा रही है। मतलब पर्ची ले जाइये आपको दुकान से दारू मिल जाएगी। चूंकि दारू खरीदने वाले को कैशमेमो नहीं दी जाती इसलिए इसे पकडऩा भी मुश्किल है।

चुनाव आयोग का चाबुक

रविवार तक चुनाव आयोग के चाबुक तले 174 लोगों को आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जा चुका था। इनके पास से आठ हजार दो सौ इक्यावन लीटर दारू बरामद हुई। यह दारू कम दाम पर हरियाणा से सप्लाई की जा रही थी। जो चुनाव में वोटर को रिझाने के लिए मंगाई गई। लेकिन पब्लिक के पास पहुंचने से पहले ही इस पर चुनाव आयोग का चाबुक पड़ गया।
जिले में चुनाव को सही ढंग से संपन्न कराने के लिए 31,638 लोगों के खिलाफ 107/116 में मुचलका पाबंद किया गया। आचार संहिता का उलंघन करने वाले 95 राजनैतिक व्यक्तियों का चालान कर कार्रवाई की गई।

Posted By: Inextlive