- गंदगी से परेशान है वार्ड 41 के लोग

- कई साल से नहीं हुई सफाई, एक दर्जन से आते हैं मोहल्ले

मेरठ। वार्ड 41 में लोग गंदगी से परेशान हैं। दरअसल, यह शहर का के सबसे बड़ा वार्ड है। इसमें एक दर्जन से अधिक मोहल्ले आते हैं। मुख्य मार्ग की बात छोड़ दी जाए तो गली मोहल्ले के बाहर गंदगी का अंबार है। इसके अलावा गलियों के अंदर भी जगह-जगह गंदगी के ढेर पड़े रहते है। जिसके कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वार्ड में एक नाला है आबूनाला। जो शहर को मुख्य नाला है। सारे शहर की गंदगी को यह नाला काली नदी में फेंकता है। नाले में जगह-जगह झाड़ उग आए हैं। इससे नाले की सफाई कब हुई थी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस वार्ड में शहर के करीब आधा दर्जन इंटर कॉलेज व तीन डिग्री कॉलेज इस वार्ड में आते हैं। इस वार्ड में करीब आधा दर्जन अस्पताल और नर्सिग होम आते हैं। इनका मेडिकल कूड़ा भी सड़कों पर ही पड़ता है।

ये है डिमांड

- सड़कों की दोनो समय सफाई होनी चाहिए।

- हैंडपंप ठीक होने चाहिए।

- नाले की सफाई नियमित होनी चाहिए।

- मुख्य मार्गो पर डस्टबिन रखे होने चाहिए।

- नालियों की सफाई होनी चाहिए।

वार्ड- 41

पार्षद- रेनू गुप्ता

जनसंख्या- 14500

वोटर- 13000

मोहल्ले- बेगमबाग, चकबंदी रोड, तिलक रोड, पीएल शर्मा रोड, जवाहर क्लवाटर, खदीकान, कल्याणी, टेलीफोन एक्सचेंज कॉलोनी, सिविल लाइन, नेहरू रोड, वेस्टर्न कचहरी रोड, शिवलोक, असोड़ा हाउस, नंदनकुंज, नंदन गार्डन, विजय नगर, छीपी टैंक, चौधरी वाली गली।

पढ़ाई- पोस्ट ग्रेजुएशन

प्रश्न- बीते पांच साल में आपने क्या विकास कार्य कराए।

उत्तर- बीते पांच साल में मैने 22 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य कराएं है। जिसमें नाली, खड़ंजे, इंटरलॉकिंग टॉयल्स लगवाई है। इसके अलावा दो सौ से अधिक सोडियम लाइट लगवाई है। सौ से अधिक लोगों को समाजवादी पेंशन, करीब पचास लोगों को परिवार सहायता योजना के तहत आर्थिक मदद दिलाई है।

प्रश्न- वार्ड में गंदगी बहुत अधिक है, डस्टबिन भी नहीं लगे हैं

उत्तर- मेरा वार्ड शहर का सबसे बड़ा वार्ड है। सफाई नियमित रूप से होती है। शाम होते-होते फिर से गंदगी हो जाती है। रही बात डस्टबिन की, तो कई बार नगर निगम को लिखकर दे चुके हैं। लेकिन निगम के अधिकारी है कि काम करने को तैयार नहीं है।

प्रश्न- हैंडपंप भी खराब पड़े हुए है।

उत्तर- वार्ड में सौ से अधिक हैंडपंप है। अधिकांश हैंडपंप चालू हालात में है। जो खराब है उनके लिए निगम के जलकल विभाग को सूची बनाकर दे रखी है। रिबोर का टेंडर न होने के कारण हैंडपंप ठीक नहीं हो पा रहे हैं।

प्रश्न- नाले में बहुत गंदगी है, बहुत दिनों से सफाई नहीं हुई है।

उत्तर- नाले सफाई की समस्या वाकई में है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग व नगर आयुक्त को अनेक बार लिखकर दे चुकी हूं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग है नाले की सफाई नहीं करते हैं।

नाला

वार्ड में ही नहीं पूरे शहर में नाला सफाई नहीं होती है। यदि होती भी है तो उसका सिल्ट सड़कों पर पड़ा रहता है। सिल्ट को निगम के कर्मी उठाते नहीं है। जिसके कारण फिर से गंदगी नालों में पहुंच जाती है। आबूनाला शहर का मुख्य नाला है।

नालियां

वार्ड में नालियां बहुत गंदी रहती है। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हुई हैं। नालियों को देखकर ऐसा लगता है कि महीनों से इनकी सफाई नहीं हुई है। गंदी नालियों के कारण कई बार जलभराव की समस्या भी हो जाती है।

खराब हैंडपंप

वार्ड में कई हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। हैंडपंप में जंग लग चुकी है। हालात यह है कि हैंडपंप के आसपास गंदगी का अंबार है। जिसके कारण वहां पर मच्छर भी पनपने लगे हैं। हैंडपंप खराब होने के कारण लोगों को खासी समस्या होती है।

गंदगी

वार्ड में अनेक स्थानो पर गंदगी का अंबार लगा रहता है। यह हाल गली मोहल्लों का नहीं बल्कि मुख्य बाजारों का भी है। यह हाल तब है जब यहां पर लगभग अधिकांश पॉश कालोनियां हैं। उनके गेट के आगे भी कूड़े का ढेर लगा रहता है।

खराब सड़क

वार्ड में कई जगहों पर सड़कों का बुरा हाल है। सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हो रहे हैं। जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं भी हो जाती है। बावजूद इसके नगर निगम सड़कों के गड्ढे भरना का काम नहीं कर रहा है।

वार्ड में गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। सुबह को सफाई कर्मी आते हैं। कूड़ा भी उठाकर ले जाते हैं। लेकिन शाम होते- होते फिर से गंदगी का अंबार लग जाता है। दोनो समय सफाई हो तो बहुत अच्छा होगा।

अजय

एक तरफ पीएम और सीएम स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम गंदा भारत अभियान चला रहा है। सफाई के नाम पर कुछ नहीं होता है।

डॉ। उपासना

मोहल्ले की नालियां बहुत गंदी रहती हैं। नालियां गंदगी से अटी पड़ी हुई हैं। जिसके कारण मच्छर भी बहुत अधिक हो जाते हैं। कम से कम सप्ताह में एक बार तो नाली की सफाई होनी चाहिए।

डॉ। गीता

शहर में नालो की स्थिति बहुत खराब है। बारिश के दिनों में तो नालों में गंदा पानी बहता हुआ दिखाई देता है। वरना और दिनो में केवल गंदगी ही दिखाई देती है। एक महीने में कम से कम एक बार तो नाले की सफाई हो जानी चाहिए।

डॉ। सुभाष दहिया

Posted By: Inextlive