AAP से योगेंद्र और प्रशांत की छुट्टी, मेधा पाटकर ने दिया इस्तीफा
अपने हुए पराए
इससे पहले, आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर निकाले गए नेता योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण ने प्रेस क्लब में अपनी बात मीडिया के सामने रखी. अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि हम दुख और शर्मिंदगी के साथ बैठे हैं. बैठक में घटिया हरकत हुई. मारपीट के दौरान केजरीवाल चुप रहे और ज्यादार बोगस वोटिंग हुई. प्रशांत भूषण ने भी इस बैठक को अवैध व असंवैधानिक करार दिया. आज आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद प्रधान और अजीत को बाहर कर दिया गया. उधर, इस मामले पर सफाई देते हुए आप ने कहा कि इन्हें पार्टी की बैठक में प्रस्ताव पास कर निकाला गया है.
केजरीवाल की धमकी
संवाददाताओं से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि आज बैठक में जो भी हुआ वो बहुत ही घटिया हरकत थी. उन्होंने फिर सारी बातें दोहराई. यादव ने बताया कि जब हमने वोटिंग की बात कही तो वे कहने लगे कि 247 लोगों ने इसके समर्थन में वोट दिया है. इसके अलावा बैठक में ज्यादातर वैसे सदस्य बुलाए गए थे जो राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नहीं थे. उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी नेताओं से कहा था कि अगर उन्हें मीटिंग में रखा गया तो वे पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र दे देंगे.
पार्टी से बाहर
वहीं प्रशांत भूषण ने बताया कि हमने पार्टी के सचिव पंकज गुप्ता को बैठक सभ्य तरीके से चलाने के लिए चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी के जवाब में कहा गया कि मीटिंग में चर्चा होगी. प्रशांत के मुताबिक चिट्ठी में पार्टी के इंटरनल लोकपाल एडमिरल रामदास की सहायता से मीटिंग करने की भी बात कही गई थी. इस पर रामदास को पार्टी की ओर से एक मैसेज भेजा गया और लोकपाल के अस्तित्व पर ही सवाल उठाया गया. एडमिरल रामदास को भेजे गए मैसेज में कहा गया कि आपका कार्यकाल खत्म हो चुका है और अब आप पार्टी के सदस्य नहीं हैं.