'लोन सिर्फ पांच मिनट मेंÓ. आपने भी पेपर्स और दूसरे मीडिया में ऐसे एडवरटाइजमेंट्स देखे होंगे. हो सकता है कि आपका लोन लेने का मन भी बना हो और नहीं भी. अगर नहीं बना तो यह बहुत ही अच्छा है क्योंकि आपके साथ भी बड़ी ठगी हो सकती थी. बता दें कि लोन देने वाले डॉक्युमेंट बनवाने से लेकर फाइल चार्ज के नाम पर हजारों रुपए लूट लेते हैं. और अगर अनपढ़ क्लाइंट फंस गया तो एजेंट की लॉटरी निकली समझो. एजेंट कागज पर अंगूठा लगवाने के बाद डीडी या चैक अपने नाम से इश्यू करा लेता है. ऐसी ही ठगी की शिकार एक पीडि़ता ने आई नेक्स्ट से शेयर की अपनी बात...


पशुपालन के लिए लोनजगदीशपुरा बोदला निवासी द्रोपदी उर्फ द्रौपा पत्नी भगवान सिंह ने बताया कि उसके पति की नौकरी छूट गई तो उसने पशुपालन के लिए फाइनेंस लेने के लिए प्लानिंग बनाई। लोन के लिए किसी रिश्तेदार ने न्यूजपेपर में देखकर एक नंबर पर कॉल किया। एजेंट के बताए स्थान संजय पैलेस पर द्रौपा पहुंच गई। वहां उसकी मुलाकात अंसार नाम के एजेंट से हुई। उसने द्रौपा को कुछ ही दिनों में लोन दिलाने का भरोसा दिलाया।चार्ज के लिए पचास हजार
अंसार के साथ करीब चार लोग शामिल थे। एजेंट ने बताया कि लोन लेने के लिए तुम्हारा घर एपू्रव्ड नहीं है, इसलिए ऊपर तक जुगाड़ लगानी होगी। फाइल बनाने के नाम पर उसने पचास हजार रुपए देने को कहा। 15 फरवरी 2012 को यूनीयन बैंक से नौ लाख रुपए का फाइनेंस हो गया। इसके बदले में बैंक ने द्रौपा की बीस लाख रुपए की प्रॉपर्टी को गारंटी के तौर पर रख लिया। अंगूठा लगवाया डीडी पर


फरवरी के लास्ट में यूनीयन बैंक का पहला डीडी अंसार ने द्रौपदी को लाकर देकर दिया। उसने कहा कि यहां साइन कर दो, द्रौपदी पढ़ी-लिखी नहीं थी इसलिए उसने अंसार पर भरोसा करके अंगूठा लगा दिया। उसके बाद डीडी को क्लीयर कराने के लिए अंसार अपने साथ ले गया। उसने बताया था कि पूरा रुपया एक साथ मिल जाएगा। दूसरा डीडी चार लाख रुपए का 30 जुलाई को एजेंट लेकर आया। उसे द्रौपदी को देकर चला गया। नहीं मिले पांच लाखद्रौपदी से लोन नौ लाख का दिलाने की बात तय हुई थी। बैंक से भी नौ लाख रुपए की रकम जमा करने के लिए ग्यारह हजार रुपए की मासिक किश्त बनी। द्रौपदी जब से लगातार किश्ते भर रही है लेकिन उसे पांच लाख रुपए अभी नहीं मिले हैं। परेशान हाल द्रौपदी ने कंप्लेन बैंक मैनेजर से की, लेकिन मैनेजर के चेंज हो जाने से कोई हल नहीं निकला। द्रौपदी का आरोप है कि मैनेजर मनोज, सीओ शर्मा, और एजेंट अंसार ने मिलकर लोन के रुपए खा लिए हैं।दयालबाग निवासी इंद्रपाल सिंह ने एमजी रोड स्थित एक एजेंट के जरिए मकान पर लोन लेने के लिए एप्लाई किया। एजेंट ने ऐसा धोखा दिया कि इंद्रपाल के मकान के कागजों को लाखों रुपए की गारंटर बतौर पीएनबी बैंक में लगा महज दो लाख रुपए दे दिए। इंद्रपाल को जब इसके बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने बैंक का लिया रुपया भरने का मन बना लिया। अब बैंक एजेंट उन्हेंं लगातार गुमराह कर चक्कर लगवा रहा है।एक कंपनी से बातचीत

कस्टमर- सर हमें होमलोन कराना है।कंपनी- लोन के लिए एजूकेशन 12वीं पास होना जरूरी है।कस्टमर- डॉक्युमेंट क्या लगेंगे? कंपनी- राशनकार्ड, वोटरकार्ड, बैंक पासबुक और दो साल के रिर्टन आदि डॉक्युमेंट हमारी ईमेल पर भेज दो।कस्टमर- लोन कितने दिन में हो जाएगा।कंपनी- आपके डॉक्युमेंट देखने के बाद लोन एक्सेप्ट होता है तो आपको 5300 रुपए हमारे पीएनबी एकाउंट में जमा करा देना। जिससे एक्सीडेंटल इश्योरेंस कराया जाएगा।कस्टमर- सर फाइल चार्ज कितना लगेगा।कंपनी- कोई फाइल चार्ज नहीं है, जो आपकी खुशी हो वो दे देना।कस्टूमर- सर मेरा घर एप्रूव्ड नहीं है।कंपनी- कोई बात नहीं है, रजिस्ट्री तुम्हारे नाम की होनी चाहिए। दो साल तक कोई किश्त नहीं बनेगी। दस साल में पूरा रुपया इंट्रेस्ट सहित जमा करना होगा।ये रूल है लोन के 1. तीन साल का रिर्टन फाइल होने चाहिए।2. जिस बैंक में एकाउंट हो, उसमें छह महीने का कंटिन्यु चलता हुआ होना चाहिए।3. जिस प्रॉपर्टी पर लोन लिया जा रहा है, वह एप्रूव्ड होना जरूरी है।4. प्रॉपर्टी की वैल्यू का 80 परसेंट लोन बैंक से होता है।धरा गया था फर्जी एजेंट
फरवरी 2013 में संजय पैलेस स्थित रमन टॉवर के एक ऑफिस में छापा मारकर क्राइम ब्रांच ने एक एजेंट को पकड़ा था। जिसके पास से फर्जी नगर निगम, आधा दर्जन बैंक, तहसील आदि की मोहरे मिली थीं। एजेंट अपने ऑफिस में फर्जी डॉक्युमेंट बनाकर लोन करवाने का काम करता था। एजेंट ने दर्जनों लोगों के साथ फ्रॉड किया था.

Posted By: Inextlive