रांची: कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को संभालने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से नागरिकों को कई राहत व रियायत दे रही हैं। इसी क्रम में केन्द्र प्रायोजित पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि झारखंड के स्ट्रीट वेंडर्स की तकदीर बदल सकती है। इस योजना को झारखंड में लागू करने को लेकर राज्य सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत नगरीय प्रशासन निदेशालय के पदाधिकारी सर्वे का काम कर रहे हैं। एक माह में नए सिरे से सर्वे कराकर अबतक तीस हजार पांच सौ अठारह स्ट्रीट वेंडर्स को चिन्हित कर लिया गया है, जिसमें 15 हजार आठ सौ 30 वेंडर्स ने इस योजना के तहत लोन लेने की इच्छा भी जतायी है। नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक राजीव ने बताया कि हमारा राज्य ऋण स्वीकृत करने की दिशा में किए जा रहे कार्यो में अग्रणी राज्यों में से एक है, पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। हमारी कोशिश है कि इस योजना से झारखंड के अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हों, तो हमारा प्रयास सफल होगा।

क्या है योजना

केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन में ढील के बाद पथ विक्रेताओं को अपनी आजीविका व रोजगार दोबारा शुरू करने को लेकर किफायती दर पर ऋण मुहैया कराने को लेकर ये योजना शुरू की है। इसमें लाभुक अगर नियमित अदायगी करता है तो उसके ऋण पर लगनेवाले ब्याज में सात प्रतिशत सब्सिडी सरकार देगी। अर्थात अगर किसी लाभुक का ऋण नौ प्रतिशत ब्याज पर लिया गया है तो उसे दो प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा।

इनको मिलेगा लोन

यदि 24 मार्च 2020 तक या उससे पहले कोई व्यक्ति शहर में फेरी लगाकर या फुटपाथ पर बैठकर कार्य कर रहा था तो वो इस योजना का लाभ ले सकता है। अस्थायी स्टॉल लगाकर कार्य कर रहे वेंडर्स को भी इसके लिए योग्य माना जाएगा। निकाय द्वारा आयोजित सर्वेक्षण सूची में वेंडर का नाम होना चाहिए या किसी फुटपाथ विक्रेता संघ का सदस्य होना चाहिए और सदस्यता का प्रमाण पहचान पत्र होना चाहिए। अगर अभ्यर्थी उपरोक्त दोनों सूची में से किसी में निबंधित नहीं है तो वो आवेदन के साथ स्थानीय नगर निकाय से संपर्क कर आग्रह कर सकता है।

यहां से मिलेगा लोन

अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, सूक्ष्म वित्तीय संस्थाएं, एसएचजी बैंक इत्यादि। ऋण उपलब्ध कराने में नगर निकाय मदद करेंगे।

डिजिटल लेनदेन पर प्रोत्साहन

विक्रेता अगर अपने ग्राहकों के साथ डिजिटल लेनदेन करेंगे तो उन्हें मासिक 50 से 100 रुपया तक कैशबैक प्राप्त हो सकेगा। जो पहले 50 पात्र लेनदेन पर 50 रुपए होगा। वहीं अगले 50 पात्र लेनदेन पर अतिरिक्त 25 रुपए और अगले 100 पात्र लेनदेन पर अतिरिक्त 25 रुपए कैशबैक प्राप्त होगा। नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक राजीव रंजन ने बताया कि जल्द ही सरकार ऋण लेनेवाले लाभुकों को डिजीटल लेनदेन करने का प्रशिक्षण देगी। नगरीय प्रशासन निदेशालय ने इसका पूरा प्लान तैयार किया है। इससे ऑनलाइन पेमेंट व ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद है इस योजना के लाभार्थी इस वैश्रि्वक महामारी की मार को हराकर अपने को आत्मनिर्भर बनाने में कामयाब होंगे।

Posted By: Inextlive