-धर्मशाला, नॉर्मल, मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े इलाके में पांच घंटे सप्लाई ठप

-कई इलाकों में रूक-रूक कर आती जाती रही बत्ती

GORAKHPUR: शहर में बिजली कटौती पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। लगातार हुई बारिश के चलते शहर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। मंगलवार को 33 केवीए की लाइन ब्रेक डाउन होने से धर्मशाला, नॉर्मल और मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े इलाके में पांच घंटे सप्लाई ठप रही। इससे सुबह से लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ा। कई इलाके में रूक-रूक कर बिजली आती जाती रही। कुछ लोगों ने बिजली निगम के अफसर और कर्मचारियों के मोबाइल पर कॉल किए, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।

धर्मशाला उपकेंद्र से जुड़े रेलवे स्टेशन, सिविल लाइंस, पुलिस लाइंस समेत कई इलाके में सुबह 10 बजे से दोपहर तक सप्लाई बंद रही। वहीं, नार्मल उपकेंद्र और मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े दर्जन भर एरिया में भी बत्ती गुल रही। बिजली की आंख मिचौली से करीब 50 हजार परिवार परेशान हुए।

रूक-रूक कर आती जाती रही बत्ती

शहर के कई इलाके में रात से ही रूक-रूक कर बत्ती आती जाती है। इससे तारामंडल, खोराबार, मोहद्दीपुर, बक्शीपुर, शाहपुर, राप्तीनगर, शिवपुर सहबाजगंज, पादरी बाजार एरिया में एक-एक घंटे पर बिजली आती जाती रही। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

फाल्ट ने रोक दी अस्पताल की सप्लाई

जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में 24 घंटे की सप्लाई है। लेकिन मंगलवार सुबह फाल्ट की वजह से अस्पताल की सप्लाई तीन घंटे के लिए ठप हो गई। सप्लाई बंद होने से अस्पताल के आरडीसी सेंटर की एक्स-रे मशीन और सिटी स्कैन के अलावा अल्ट्रासांउड जांच भी बंद रही। आनन-फानन में जरनेटर चलाया गया, लेकिन जनरेटर के केबिल में दिक्कत आने से वैकल्पिक सप्लाई नहीं मिल पाई। उधर, जांच के लिए पहुंचे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। महिला अस्पताल में भी जांच नहीं हो सकी। अस्पताल में रूक-रूक कर बिजली आने से व्यवस्था पटरी से उतर गई। उधर, मरीज और तीमारदारों से जांच न होने पर हंगामा शुरू कर दिया। काफी इंतजार करने के बाद दूर दराज से आए मरीजों को बैरंग वापस होना पड़ा। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। आरके गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में 24 घंटे की सप्लाई में फाल्ट होने से दिक्कत हुई। हालांकि जनरेटर चलाकर काम करने की कोशिश की गई, लेकिन जनरेटर के केबिल में तकनीकी खराबी आने से जांच पूरी नहीं हो सकी। महिला अस्पताल के एसआईसी ने बताया कि सुबह से ही रूक-रूक कर बिजली सप्लाई दी जा रही थी।

जेई का आंदोलन खत्म, 72 घंटे की मोहल्लत

अंडरग्राउंड केबिल बिछाने में सही तरीके से अपना कार्य न निभाने पर के आरोप में तीन अफसरों को संस्पेंड करने का मामला गरम हो गया है। मंगलवार को उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के पदाधिकारियों ने मोहद्दीपुर चीफ ऑफिस पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने सस्पेंड अफसरों के निलंबन को तत्काल वापसी की मांग की। चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने 72 घंटे की मोहल्लत मांगी है। पदाधिकारियों का कहना है कि समय रहते निलंबन वापस नहीं हुआ तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। हालांकि चीफ इंजीनियर के लिखित आश्वासन के बाद कर्मचारी अपने आंदोलन को स्थगित कर अपने काम पर लौट गए।

दिनभर बंद रहे मोबाइल

चीफ इंजीनियर ऑफिस में जेई द्वारा अपनी सीयूजी जमा किए जाने से कंज्यूमर्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रात से ही लोग बिजली से संबंधित समस्याओं को लेकर अवर अभियंता के मोबाइल पर कॉल करते रहे, लेकिन रिस्पांस नहीं मिला। हालांकि उनके मोबाइल पर लगातार घंटी जाती रही। मंगलवार को भी कंज्यूमर्स को समस्याओं का सामना करना पड़ा।

Posted By: Inextlive