सरकार से वैट कम कर नुकसान की भरपाई की मांग


जमशेदपुर (ब्यूरो)। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी किए जाने के कारण डीलर्स को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। अब उन्होंने झारखंड सरकार से वैट दर में कमी करने की मांग की है, ताकि इस घाटे की भरपाई हो सके। मामले में कोल्हान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के सचिव कुणाल कार ने कहा कि भारत सरकार ने शनिवार को एक्साइज ड्यूटी अत्यधिक कम कर दिया, जिससे देश के सभी डीलरों को 3 से दस लाख रूपए तक का आर्थिक नुकसान हुआ है। सरकार ने अचानक लिया फैसला


उन्होंने कहा कि कीमत कम करनी चाहिए, लेकिन उचित मार्ग का चयन कर न्यायसंगत निर्णय लेना चाहिए था। ऐसे एकतरफा निर्णय का एसोसिएशन से जुड़े सभी डीलर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों के साथ मिलकर भारत सरकार द्वारा विशेष कर शनिवार के दिन का चयन किया गया, क्योंकि रविवार के दिन डिपो बंद रहता है। ऐसे में सोमवार तक विधि व्यवस्था, आपातकालीन सेवा एवं जनता, ट्रांसपोर्ट को निरंतर तेल की आपूर्ति रखने के लिए अतिरिक्त स्टॉक के लिए पेट्रोल पंप डीलर को अतरिक्त तेल स्टोर करना पड़ता है। इसलिए शनिवार को अचानक रात 12 बजे डीजल पेट्रोल की कीमत अत्यधिक कम करना न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता।पेट्रोल पंप बंदी के कगार पर

कार कहते हैं कि वैसे भी झारखंड के डीलर पिछले ढाई वर्षों से झारखंड में डीजल के मूल्य अधिक होने के कारण तेल की बिक्री कम होने से आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं, जिससे पंप बंद होने कगार पर है। डीलर आर्थिक नुकसान उठाते हुए भी पंप बंद नहीं कर सकते, इस कारण लाइसेंस रद्द होने का भय रहता है। उन्होंने कहा कि झारखंड के पड़ोसी राज्यों में डीजल का मूल्य कम है। कोलकाता में 92.76, लखनऊ में 89.64, भुवनेश्वर में 93.39 और बहरागोड़ा (झारखंड) में 95.42 रुपए है। इन राज्यों में 6 रुपए से लेकर 3 रुपए तक का अंतर है। वैट कम करे सरकारउन्होंने कहा कि राज्य का क्षेत्रफल कम होने एवं भौगोलिक स्थिति के कारण अन्य राज्यों से आने वाले ग्राहक झारखंड पार कर अन्य राज्यों में डीजल ले लेते हैं। इन बातों से अवगत कराते हुए कुणाल कार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव से वैट दर घटा कर मूल्य कम करने की मांग की है, ताकि झारखंड के पंप डीलर और उनके कर्मचारी दयनीय स्थिति से उबर सकें।

Posted By: Inextlive