सीएसआईआर-एनएमएल और पुणे की रीसाय एनर्जी के बीच हुआ एमओयू


जमशेदपुर (ब्यूरो)। सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) ने पुणे स्थित रीसाय एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के साथ स्क्रैप लिथियम आयन बैटरियों (एलआईबी) के रिसाइक्लिंग के लिए एक सफल प्रौद्योगिकी (पेटेंट दायर) हस्तांतरित करने हेतु समझौता किया। सीएसआईआर-एनएमएल के अनुसंधान योजना और व्यवसाय विकास प्रभाग के प्रमुख डॉ एसके पाल और रीसाय एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ डॉ मसूद खजेनूरी ने बुधवार को एमओयू पर हस्ताक्षर किया।आगे बढ़ रहा भारत


विकसित और उभरते देशों में लिथियम बैटरी आधारित विद्युत वाहनों के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि को देखते हुए भारत ऑटोमोटिव और परिवहन क्षेत्र दुनिया भर में आगे बढ़ रहा है। भारत हर साल 50,000 टन से अधिक लिथियम बैटरी अपशिष्ट उत्पन्न करता है, जिसके वर्ष 2025 तक तीन गुना बढऩे की उम्मीद है, जबकि ग्राहकों की आकर्षक मांग और कड़े पर्यावरणीय नियम लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग के लिए एक स्थायी तकनीक विकसित करने की जरूरत है। सीएसआईआर-एनएमएल वेस्ट टू वेल्थ क्रिएशन टेक्नोलॉजी लेकर आया है, जो वर्तमान में मौजूद सभी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करता है। ट्रीटमेंट करने में सक्षम है खोज

डॉ मसूद खजेनूरी ने कहा कि उनकी खोज सभी प्रकार की लिथियम आयन बैटरी का ट्रीटमेंट करने में सक्षम है.यह स्वदेशी तकनीक कॉपर, एलुमिनियम और जीर्णोधारित ग्रेफाइट के अलावा बैटरी ग्रेड निकल, लिथियम, कोबाल्ट, मैंगनीज के निष्कर्षण के साथ-साथ इस प्रक्रिया में प्रयुक्त सॉल्वैंट्स के पुनर्चक्रण हेतु मार्ग प्रशस्त करेगी। सीएसआईआर की भूमिका वहीं डॉ इंद्रनील चट्टोराज ने इस तकनीक को विकसित करने में एक मिशन मोड परियोजना के माध्यम से सीएसआईआर की भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत नई पीढ़ी के उद्यमियों और बैटरी रीसाइक्लिंग में स्थापित पुनर्चक्रण कर्ताओं के लिए एक 100 किग्रा एलआईबी रीसाइक्लिंग पायलट प्लांट इस परियोजना के अंतर्गत तैयार है.इस दौरान डॉ इंद्रनील चट्टोराज, अरिंदम दास, डॉ संजय कुमार, डॉ अभिलाष, डॉ प्रतिमा मेश्राम, डॉ। टीसी एलेक्स, डॉ ए विद्याधर, रोहित मेश्राम, के। सुधाकर राव आदि उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive