वाह रे हॉस्पीटल, तेरी लेटलतीफी मान गए !
कई मशीनों का अबतक नहीं खुला है पैकेट
इस विकलांग अस्पताल में विकलांगों के लिए 2008 में 80 लाख की मशीनें परचेज की थीं। ताकि विकलांगों को इससे बेहतर ट्रीटमेंट किया जा सके, लेकिन पांच साल बाद भी इन मशीनों का पैकेट नहीं खुल पाया है। लिहाजा जो भी विकलांग आते हैं उसे यहां के फिजियोथेरेपिस्ट अपने प्राइवेट क्लिनिक में लेकर चले जाते है। वहां इलाज के नाम पर जमकर पैसे की वसूली होती है। बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एवं अकुपेशनल थेरेपी कॉलेज में इस मामला का पर्दाफाश आरटीआई से मिली जानकारी से हो पाया। इसमें कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने यह कबूल किया कि उसने जो भी तीन मशीनों को परचेज किया है उसका अभीतक इंस्टालेशन नहीं हो पाया है.
फाइलों में उलझी है व्यवस्था
2008-2009 में मोहन प्रसाद द्वारा स्कैनिंग लेजर मशीन, अल्ट्रासाउंड बोन डेनसिटोमीटर, सिस्टम फॉर सिक्वेंशियल पोश्चर एनालिसिस एंड रिहेबिलिटेशन मशीन की खरीदारी हुई थी। लेकिन आज तक इस मशीन का न तो इंस्टॉलेशन हो पाया है और न ही डिमांस्ट्रेशन हुआ है। इस मामले में किशोर कुमार ने भी हेल्थ डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी लेकिन नतीजा कुछ भी सामने नहीं आया है। एक्सपर्ट बताते हैं कि तीन में से दो मशीन खराब भी हो सकती है।
पीएमसीएच से आता रेफर केस
बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरापी और अकुपेशनल थेरेपी कॉलेज एंड हॉस्पीटल पीएमसीएच का एक्स्टेंशन कॉलेज है। इसमें यहां से रेफर पेशेंट आते हैं। यह डिसएबल्ड और फिजियोथेरेपी के जरूरतमंद होते हैं। यहां पर डिसएबल्ड के लिए बेल्ट से लेकर जूते बनाने की व्यवस्था होती है। फिलहाल मशीन की खरीदारी और यूज न करने पर एडमिनिस्ट्रेशन मौन साधे हुए है.
फिजियोथेरेपी काफी लाभकारी
एक्सपर्ट की मानें तो डिसएबल्ड के दर्द पर मरहम का काम फिजियोथेरेपी ही करता है। लेटेस्ट मशीन से उसके पोश्चर से लेकर पेन को दूर करने की सारी व्यवस्था होती है। डिसएबल्ड के प्राइमरी से लेकर लास्ट स्टेज तक यही ट्रीटमेंट काम करता है। जिसके बलबूते उसे खड़ा कर चलाया जा सके या अपनी लाइफ जीने के लिए उसे मोटिवेट कर सके.
प्राइवेट में जमकर लूट
एक तरफ सरकारी उदासीनता डिसएबल्ड के सपनों को कतर रही है तो प्राइवेट हॉस्पीटल उनकी जेब को खाली करने में लगे हैं। एक्सरसाइज के नाम पर प्राइवेट क्लिनिक में जमकर पैसे की वसूली की जाती है। एक घंटे का चार्ज 100-200 रुपए तक लिया जाता है। मशीन लगाने का चार्ज एक्स्ट्रा। ऐसे में इस तरह की लेटेस्ट मशीन के यूज से काफी फायदा पहुंचता है.