तमाम भारतीय प्राचीन कथाओं में मौजूद विशालकाय दानव और दैत्‍यों के बारे में हम आप ने भी बहुत कुछ पढ़ा या सुना होगा। कुछ कुछ वैसा ही विशालकाय लेकिन अदृश्य दैत्‍य स्कॉटलैंड की एक झील में छिपा हुआ माना जाता है। अब दुनिया के कई वैज्ञानिक उस दैत्‍य के DNA फुटप्रिंट की खोज में झील की गहराइयों में उतरने वाले हैं।

अदृश्य दानव के बारे में जानने के लिए स्कॉटलैंड की पूरी झील छान मारेंगे वैज्ञानिक

कानपुर। हॉलीवुड की तमाम फिल्मों में बिल्कुल असली जैसे विशालकाय और खतरनाक डायनासोर देखकर कई बार लोगों को लगता है कि शायद कभी वो हमें असल जिंदगी में भी देखने को मिल जाएंगे, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा और जो हो रहा है वह भी कम रोमांचक नहीं है।

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी पश्चिमी स्कॉटलैंड की वर्ल्ड फेमस ताजे पानी की विशालकाय झील Loch Nessको लेकर सालों से एक दंत कथा चली आ रही है कि इस झील के पानी के भीतर एक विशालकाय और खतरनाक पौराणिक दान रहता है, जो पानी में उतरने वालों को हमेशा के लिए नीचे खीच लेता है। भले ही अभी तक उस दानव को प्रमाणिक रुप से किसी ने नहीं देखा है, लेकिन फिर भी कई अपुष्ट तस्वीरों में उस विशालकाय दानव की झलक देखी जा सकती है। इस झील के पानी में कथित रूप से रहने वाले उस दानव को लेकर पहले भी कई सारी रिसर्च की जा चुकी हैं, लेकिन जल्दी ही होने वाली यह नई रिसर्च उउन सबमें खास है। दरअसल पहली बार दुनिया के कई मशहूर वैज्ञानिक झील के उस मिस्ट्री क्रीचर के DNA खोजने की कोशिश करने वाले हैं।

 

Loch Ness झील के उस अद्रश्य दानव की कहानी है 2 हजार साल पुरानी

लॉस एंजेलिस टाइम्स की खबर बताती है कि स्कॉटलैंड की फेमस लॉचनेस झील के उस दानव को लेकर जो कथा चली आ रही है, उसके मुताबिक वो दैत्य करीब 2000 साल से वहां पर मौजूद है। तमाम लोग मानते रहे हैं कि बहुत लंबी गर्दन वाला ये जीव डायनासोर सा दिखता था और धरती पर उनके खात्मे के बाद भी न जाने कैसे वो बचा रह गया। उत्तरी स्कॉटलैंड के जनजाति इलाकों में पत्थरों पर बनाए गए कई आर्टवर्क में उस विशालकाय दानव या जानवर की कुछ झलक दिखाई देती है।


झील के उस दानव को लेकर एक दंतकथा यह भी है कि छठी शताब्दी में सेंट कोलंबा नाम के एक इसाई व्यक्ति ने झील में उस दानव को देखा था।वह दानव झील में तैरने वालों पर हमला करता था। जब इस पादरी ने उसे देखा तो उसने भगवान से प्रार्थना करते हुए उसे वहां से चले जाने का हुक्म दिया और दानव ने वह बात मान ली। सन1930 में जब पहली बार इस झील के नजदीक से एक हाइवे निकला उसके बाद से झील के दानव की कहानियां फिर तेजी से जोर पकड़ने लगीं। PBS की रिपोर्ट के मुताबिक उस दौरान आसपास रहने वाले तमाम लोगों ने दावा किया कि उन्होंने झील में कुछ विशालकाय चीज हिलती-डुलती देखी है। हालांकि उसकी प्रमाणिकता की जाचं नहीं हो सकी। होने वाली इस नई खोज से पहले भी झील के उस दानव को लेकर कई जाचें हो चुकी हैं, लेकिन वह सभी प्रयास इतने बेहतर और तकनीकी स्तर पर मजबूत नहीं थे। वैसे बता दें कि साल 2003 में बीबीसी द्वारा दिए गए फंड से लेक के उस दानव की खोज में एक प्रोजेक्ट चलाया गया था, जिसके अंतर्गत सोनार उपकरणों द्वारा इस झील का कोना कोना छान मारा गया, लेकिन वैज्ञानिकों को यहां कुछ भी अनोखा नहीं मिला।


दानव का डीएनए खोजने को लिए जाएंगे पानी के 300 सैंपल

वॉशिंगटन पोस्ट ने बताया कि फिलहाल इस झील की मिस्ट्री जानने के लिए न्यूजीलैंड के ओटागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर Neil Gemmell और उनकी पूरी टीम जोश से भरी हुई है। नील बताते हैं कि हमें संदेह है कि झील मे कोई दानव मौजूद है, लेकिन फिर भी हम झील के पानी की गहराई से तमाम ऐसे जेनेटिक सीक्वेंस प्राप्त करने की कोशिश करेंगे, जिनसे ऐसे किसी भी दानव या जानवर के DNA फुटप्रिंट मिल सकें। इसके लिए हम झील के पानी के 300 सैंपल लेकर उनकी जांच करेंगे।


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Posted By: Chandramohan Mishra