- एक-एक औद्योगिक इकाई चुका रही करोड़ों का बिजली बिल

FATEHPUR: करोड़ों का बिल चुकाने वाला औद्योगिक क्षेत्र चौडगरा की औद्योगिक इकाइयां गंभीर विद्युत संकट का सामना कर रही हैं। विद्युत संकट की समस्या को उद्यमी उद्योग बंधु की बैठक में उठा चुके हैं। हालात यह हो चुकी हैं जितनी औद्योगिक इकाइयां चालू हालत में हैं, इन्हीं हालातों ने उससे कहीं औद्योगिक इकाइयों पर तालाबंदी करा दी है।

चौडगरा (बिंदकी रोड) को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा क्98ब्-8भ् में मिला था। इसके साथ ही औद्योगिक इकाइयां यहां पर आई। उस समय औद्योगिक क्षेत्र को ख्ब् घंटे विद्युत आपूर्ति के साथ यहां पर उद्यम लगाने में उद्योगपतियों को सरकार की ओर कुछ रियायत भी मिल रही थी। इस कारण यहां पर औद्योगिक घराने आए और उद्योगों की स्थापना के साथ ही हजारों हाथों को काम भी मिला। वर्ष ख्000 के आसपास यहां पर औद्योगिक इकाइयों की दशा खराब होने लगी। विद्युत के साथ परिवहन की सुविधा ने यहां के हालात और खराब कर दिए। विद्युत संकट के चलते म्0 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में ताला पड़ चुका है। अब भी फ्म् औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। इनके सामने भी बिजली का संकट एक गंभीर समस्या है। सरकारी नीति के चलते वित्तीय संस्थान भी चौडगरा औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने में वित्तीय मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। विद्युत का यही संकट रहा तो आने वाले दिनों में बची औद्योगिक इकाइयों में तालाबंदी हो जाएगी। विद्युत की समस्या को उद्यमी उद्योग बंधु की बैठक में उठाते हैं, इसके बावजूद कोई सार्थक पहल नहीं हो पा रही है।

औद्योगिक क्षेत्र के लिए अलग से बने विद्युत उपकेंद्र

औद्योगिक क्षेत्र चौडगरा के उद्यमियों ने अब अलग से विद्युत उपकेंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव रखा है। पैनम ग्रुफ ऑफ स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषि कत्याल ने कहा बिजली संकट से उद्यम बुरी तरह प्रभावित है। एक बार बे्रक डाउन होने पर बिजली गई तो लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। चौडगरा में अलग से विद्युत उपकेंद्र बन जाय तो मलवां से विद्युत आपूर्ति में जो भी बिजली का क्षरण होता है उसकी भी बचत होगी। फिर प्लाट में क्षेत्रवार औद्योगिक इकाइयों के लिए फीडर बन जाय। इस कारण जिस क्षेत्र की बिजली खराब हो वहीं की लाइन कटे। लक्ष्मी काटसन के विकास अग्रवाल, रेकॉन एक्सक्लूजन के योगेश गुप्त, बिंदकी प्लास्टोफैब के अमल गुप्त सहित अन्य सभी उद्यमियों का कहना है कि सरकार औद्योगिक क्षेत्र में अलग से पावर हाउस लगाए। उसमें जो भी खर्च आए उद्यमी उसमें हिस्सेदारी देने को तैयार हैं। बशर्ते काम तो शुरू हो।

Posted By: Inextlive