राज्य निर्वाचन आयोग व लोहरदगा जिला चुनाव पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

विधानसभा उपचुनाव 21 को, जबकि पंचायत चुनाव जिले के दो ब्लॉक में 22 को है

केंद्रीय निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव के बाद विधानसभा उपचुनाव कराने की अपील

RANCHI: लोहरदगा विधानसभा उपचुनाव को लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। एक तरफ जहां भारत निर्वाचन आयोग ने 21 नवंबर को मतदान कराने की घोषणा की हैं। वहीं, झारखंड में हो रहे त्रितस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 22 नवंबर को है। इसमें लोहरदगा के दो ब्लॉक पेसरार और किस्को में पंचायत चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के उपचुनाव के तारीख पर अपनी आपत्ति जताई है। भारत निर्वाचन आयोग से अपील की है वह पंचायत चुनाव के बाद विधानसभा उपचुनाव को करवाए। इस मामले को लेकर लोहरदगा के डीसी ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अपनी परेशानी से अवगत कराया है। ऐसे में लोहरदगा चुनाव को लेकर अभी मामला लटक सकता है।

इधर कमर कस रहे दिग्गज

साल भर पहले हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सुखदेव भगत अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी आजसू के कमल किशोर भगत के हाथों मात्र 592 वोटों से चुनाव हार गए थे। लेकिन, डॉक्टर केके सिन्हा के मामले में कमल किशोर को सजा होने के बाद उनकी विधायकी समाप्त हो गई। इस कारण इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है। ऐसे में पिछले कई महीने से सुखदेव भगत अपनी हार को जीत में बदलने के लिए लोहरदगा में लगातार कैंप कर रहे हैं। जबकि इसी बीच जेल में सरेंडर करने के पहले कमल किशोर भगत ने नीरा शांति कुजूर से शादी कर अपनी जगह पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी। नीरा शांति कुजूर भी लोहरदगा में लगातार लोगों के बीच डटी हुई हैं। हालांकि अभी तक लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से न तो कांगे्रस ने सुखदेव भगत के नाम की आधिकारिक घोषणा की है और न ही आजसू ने अभी तक नीरू शांति भगत के नाम का ऐलान किया है्। इसके बाद भी ये दोनों लोग लोहरदगा की चुनावी लड़ाई में कूद पड़े हैं।

Posted By: Inextlive