- प्रत्याशी कर रहे पंडितों और तांत्रिकों से संपर्क

- विशेष अनुष्ठानों के साथ ही ले रहे टोटकों का सहारा

- ग्रहों की चाल सुधारने को रही पूजा

AGRA.नवरात्र के दिनों में जहां लोग अपने और अपने देश की तरक्की के लिए प्रार्थना कर रहे हैं वहीं हमारे राजनेता अपना ही भला सोचने में लगे हुए हैं। वह इस सोच से पंडितों के पास पहुंच रहे हैं कि किसी तरह उन्हें ज्यादा से ज्यादा जनता का वोट मिल जाए फिर चाहे उन्हें इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े। प्रत्याशी अपने ही प्रतिद्धंदियों को हराने के लिए पंडितों का सहारा ले रहे हैं। विशेष अनुष्ठानों के अलावा तंत्र-मंत्र का सहारा भी लिया जा रहा है।

घरों पर चल रही स्पेशल पूजा

स्पेशल पूजा के लिए प्रत्याशी अपने घरों पर ही विशेष अनुष्ठान करवा रहे हैं। नवरात्र के चलते यह अनुष्ठान और भी खास हो जाते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में घंटों हवन चल रहे हैं। इस तरह के अनुष्ठानों की मदद से प्रत्याशी अपनी जीत का रास्ता साफ करना चाहते हैं। इस दौरान प्रत्याशी की राशि और नक्षत्रों का भी ध्यान रखा जाता है। ग्रहों को शांत करने के भी उपाय चल रहे हैं। स्पेशल अगूंठियां और गले के लिए लॉकेट भी बनाए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ प्रत्याशी दूर-दराज के मंदिरों में पूजा करवाने के लिए पंडितों को हायर करके अनुष्ठान भी करवा रहे हैं।

पंडितों के साथ तांत्रिकों की भी हुई डिमांड

इस समय सिटी के हर पंडित और कुछ छिपे हुए तांत्रिकों से संपर्क किया जा रहा है, जो टोटकों और तंत्र-मंत्र के सहारे प्रत्याशियों को जीत तक आसानी से पहुंचा दें। बताया जा रहा है कि विशेष तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए बंगाल के पंडितों और तांत्रिकों से भी संपर्क किया जा रहा है।

तामसी पूजा भी होती है कारगर

कुछ पूजा होती है जो मंत्रों के सहारे की जाती हैं। इस तरह की पूजा पंडित कराते हैं। लेकिन कुछ पूजा होती हैं जिनमें तंत्र का सहारा लिया जाता है, इस तरह की पूजा को तामसी पूजा कहा जाता है। इस तरह की पूजा गोपनीय तरीके से मंदिरों, श्मशान घाट या नदी किनारे की जाती हैं। इस तरह की पूजा के लिए रौद््र रूप की देवी बगलामुखी, छिम्माता, भैरवी, तारा, भद्रामुखी, बैकुंठी देवी, वैशाली आदि का आह्वान किया जाता है। मंत्रों से की जाने वाली पूजा में शैलपुत्री, दुर्गा, सिद्धिदात्री, चंद्रघंटा समेत मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

अपना बना रहे खेल

प्रत्याशी पंडितों और तांत्रिकों से ऐसी पूजा की भी मांग कर रहे हैं, जिससे उनका खेल तो बन जाए लेकिन उनके कंपटीटर का खेल बिगड़ जाए। इसके लिए हवन से लेकर मंत्रों के जाप तक का सहारा लिया जा रहा है। अपने ग्रहों को शांत करने और दूसरों का खेल बिगाड़ने के लिए टोटकों का सहारा ले रहे हैं।

'हर इंसान की कुंडली अलग होती है। उसके ग्रह अलग होते हैं, जिन ग्रहों को मजबूत करना है उसके लिए पूजा की जाती है। रत्न धारण कराए जाते हैं। दूसरों का नुकसान कराने की कला ज्योतिषियों के पास नहीं है, यह सिर्फ तंत्रों के सहारे से ही हो सकता है'

- अंकुर जौहरी, ज्योतिषाचार्य

'अपना खेल बनाने और दूसरों का खेल बिगाड़ने के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान बहुत ही गोपनीय होते हैं। इनकी हवा भी किसी को नहीं लगने दी जाती है। वर्ना अनुष्ठान सफल नहीं हो पाते हैं। प्रत्याशी संपर्क भी कर रहे हैं और इस तरह के अनुष्ठानों की मांग भी कर रहे हैं'

- डॉ। शोनू मेहरोत्रा, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive