देश में होने वाले सियासी मुद्दों में अब एक नया नाम जुड़ गया है. अबकी बार यह सियासी जंग एक पुरस्‍कार को लेकर शुरु हो गई है. कुछ लोगों ने इस पुरस्‍कार के नाम बदलने की मांग की है.

माकपा ने उठाये सवाल
लोकसभा में आज सर्वश्रेष्ठ कोच के लिए दिये जाने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार का नाम बदलने की मांग उठी. यह सवाल माकपा के एम बी राजेश ने प्रश्न प्रहर के दौरान उठाया. उन्होंने पुरस्कार का नाम बदलने की मांग करते हुए कहा कि महाभारत के अहम चरित्र द्रोणाचार्य ने गुरु दक्षिणा के रूप में अपने शिष्य एकलव्य से उसका अंगूठा मांग लिया था.  ऐसे गुरु के नाम पर पुरस्कार का नाम रखना कहां तक उचित है.
'यह कैसा सवाल'
उन्होंने खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से जानना चाहा कि क्या सरकार उनके इसी सवाल की पृष्ठभूमि में इस पुरस्कार का नाम द्रोणाचार्य से बदलकर कुछ और नाम रखेगी या नहीं. हालांकि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह कैसा सवाल है. मंत्री इसका जवाब देने के लिए खड़े हुए लेकिन उन्होंने केवल इतना ही कहा कि इस सवाल का क्या जवाब दिया जा सकता है. गौरतलब है कि द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ कोच को दिया जाता है. 1985 में गठित किये गये इस पुरस्कार के तहत द्रोणाचार्य की एक कांस्य प्रतिमा , सम्मान पत्र और तीन लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari