लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण की वोटिंग आज शुरु हो गई। किस वोटर ने वोट डाला है या नहीं इसकी पहचान उसकी उंगली में लगी स्याही से होती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ये स्याही आखिर आती कहां से है....आइए जानें


कानपुर। लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण का मतदान आज हो रहा।  अगर आप भारत के नागरिक हैं तो आपको वोट डालने का अधिकार मिलता है। पोलिंग बूथ में वोट डालने के बाद आपकी उंगली में स्याही लगाई जाती है। भारत में ये स्याही सिर्फ एक कंपनी में बनती है।यहां से आती है वोटिंग की स्याही


भारत में जितने भी चुनाव होते हैं उसमें मतदाताओं के हाथ की एक उंगली में स्याही जरूर लगाई जाती है। ये स्याही पूरे देश में सिर्फ कर्नाटक की एक फैक्ट्री में बनती है। इस फैक्ट्री का नाम मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड है जोकि कर्नाटक सरकार के अधीन है। यह भारत में चुनाव में इस्तेमाल होने वाली स्याही निर्माण की इकलौती रजिस्टर्ड कंपनी है। चुनाव आयोग ने साल 1962 में कानून मंत्रालय, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम के साथ मिलकर मैसूर पेंट्स के साथ लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पक्की स्याही की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया था।इस साल कितनी स्याही होगी इस्तेमाल

2014 आम चुनावों की तुलना में इस बार कंपनी को करीब 4.5 लाख बोटल के कम ऑर्डर मिले हैं। मैसूर पेंट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर डोडामनी ने पीटीआई से बातचीत में कहा था कि कंपनी को चुनाव आयोग से 10-10 क्यूबिक सेंटीमीटर की 26 लाख शीशियां बनाने का आर्डर प्राप्त हुआ है, जिसकी कीमत करीब 33 करोड़ रुपये के आसपास है।Uttar Pradesh Lok Sabha Voting 2019 : जानिए कैसे दिया जाता है वोट, ये है पूरी प्रक्रिया30 देशों में होती है सप्लाईमैसूर पेंट्स में बनने वाली स्याही सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी इस्तेमाल होती है। ये स्याही दुनियाभर के करीब 30 देशों में निर्यात की जाती है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari