इस बार के लोकसभा इलेक्शंस 2014 अपने आप में ही एक बड़ा मुद्दा है और फिर पार्टियों के सबसे भरोसेमंद मिनिस्टरों का ऐसे समय पर पार्टियों का साथ छोड़ना इस इलेक्शन के रिजल्ट्स को और भी दिलचस्प बनाएगा. आइए मिलते हैं उन मिस्टर भरोसेमंदों से जिन्होंने अपनी पार्टी को छोड़ थाम लिया दूसरों का हाथ.


जगदंबिका पाल जगदंबिका पाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे. जगदंबिका पाल ने हाल ही में लोकसभा इलेक्शंस 2014 होने से कुछ टाइम पहले ही बीजेपी को जोइन कर लिया. जगदंबिका पाल कांग्रेस के टिकट से डोमरियागंज संसदीय सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे और ऐसा ना हो पाने के कारण उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी के पाले में लुड़क गए. यही नहीं बीजेपी में शामिल होने का उन्हें फायदा भी मिला, जगदंबिका अब लोकसभा इलेक्शंस 2014 के लिए डोमरियागंज सीट के लिए बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर लड़ रहे हैं. सतपाल महाराज
सतपाल महाराज कांग्रेस के वन ऑफ द मोस्ट सिनियर लीडर्स में से एक थे. इनको उत्तराखंड व अन्य पहाड़ी इलाको में काफी पूजा जाता है. कांग्रेस को एक बड़ा झटका देते हुए हाल ही वो बीजेपी में शामिल हो गए. सतपाल महाराज प्रेजेन्ट टाइम में उत्तराखंड, पौरी सांसद हैं. सतपाल महाराज का कांग्रेस का साथ छोड़ना कही न कही उत्तराखंड के प्रेजेन्ट सीएम हरीश रावत से है. उत्तराखंड के फॉर्मर सीएम विजय बहुगुना के पद छोड़ने के बाद हरीश रावत को सीएम चुना गया. कांग्रेस पार्टी के इस फैसले महाराज खासे नाराज हो गए और आखिर लोकसभा इलेक्शंस से पहले वो बीजेपी में शामिल हो गए. जसवंत सिंह


जसवंत सिंह बीजेपी के फॉर्मर मिनिस्टर थे. बीजेपी के राज में देश के फाइनेंस, डिफेंस और एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर भी रह चुके हैं. लोकसभा इलेक्शंस 2014 के लिए जसवंत सिंह बाड़मेर, राजस्थान से लड़ना चाहते थे पर पार्टी से टिकट ना मिल पाने के कारण उन्होंने पार्टी से अलग हो कर निर्दलीय लड़ने का फैसला किया. वहीं उनकी जगह बीजेपी की ओर से बाड़मेर की सीट के लिए सोनामल को कैंडिडेट घोषित किया है. रामकृपाल यादवरामकृपाल यादव लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का एक इम्पॉर्टेंट हिस्सा थे. पार्टी में मतभेद के चलते उन्होंने आरजेडी को छोड़ बीजेपी का साथ अपनाया. रामकृपाल यादव बीहार की पाटलीपुत्र संसदीय से लड़ना चाहते थे पर पार्टी ने लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भार्ती को टिकट दिया, जिसपर रामकृपाल ने पार्टी से मुंह मोड़ लिया और बीजेपी में शामिल हो गए. रामकृपाल यादव अब पाटलीपुत्र से बीजेपी कैंडिडेट के रूप में मीसा व अन्य कैंडिडेट्स को टक्कर देंगे.

Posted By: Subhesh Sharma