-विपक्ष ने की सरकार को घेरने की कोशिश

लंच के बाद विपक्षी सदस्य नहीं पहुंचे सदन में

देहरादून, मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में लोकायुक्त का मामला गूंजा। लोकायुक्त मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर हंगामा किया। कांग्रेस के विधायक भोजनावकाश के बाद सत्र में नहीं पहुंचे।

लोकायुक्त से डर रही सरकार

सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ। इंदिरा हृदयेश ने नियम 310 के तहत लोकायुक्त के मामले में चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले को नियम 58 में सुनने की व्यवस्था दी। प्रश्नकाल पूरा होने के बाद दुबारा नेता प्रतिपक्ष ने मसला उठाया। कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली राज्य सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति से क्यों डर रही है। सरकार से पूछा कि वह कितने दिन के समयांतराल में सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति करेगी।

एनएच घोटाला मामला भी उठाया

विधायक प्रीतम सिंह ने सरकार ने एनएच-74 मुआवजा घपले में सीबीआई जांच से कदम पीछे क्यों खींचे। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि सत्तापक्ष के लोग जब विपक्ष में थे, तब उनके द्वारा लोकायुक्त को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए, लेकिन अब वे चुप हैं। विधायक मनोज रावत ने कहा कि सरकार से लोकायुक्त निर्णय लेने की मांग की।

बिल सदन की प्रॉपर्टी

जवाब में संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने यह प्रावधान किया कि लोकायुक्त की नियुक्ति से लोकायुक्त बिल प्रभावी होगा। सरकार सशक्त लोकायुक्त लाना चाहती थी, बिल पेश किया। प्रवर समिति में जाने के बाद इस पर विधानसभा का विनिश्चिय आ चुका है। यह अब सदन की प्रॉपर्टी है। ऐसे में उसकी आलोचना नहीं हो सकती। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस के सदस्य वेल में आ गए और लोकायुक्त नियुक्त करो की नारेबाजी करने लगे। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति पर सम्यक विचारोपरांत शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। वहीं, लंच के बाद भी कांग्रेस के सदस्य सदन में नहीं पहुंचे और सदन की कार्यवाही जारी रही।

Posted By: Inextlive