चुनाव प्रचार के दो दिन शेष अभी तक 50 फीसदी ही खर्च कर सके हैं प्रत्याशी

व्यय प्रेक्षक ने किया खर्चे का मिलान, अब 9 अप्रैल को होगा फाइनल हिसाब

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MEERUT : चुनाव प्रचार में खर्च सीमा को बढ़ाने का रोना रो रहे प्रत्याशी अब एक बार खर्च सीमा बढ़ने के बाद उसे छू तक नहीं पा रहे हैं. आलम यह है कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा चुनाव में अब चुनाव प्रचार समाप्त होने के महज 48 घंटे बाकी हैं जो वहीं एक भी प्रत्याशी खर्च की सीमा का 50 फीसदी तक खर्च नहीं कर सका है. बता दें कि कि सांसद के चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा को बढ़ाकर 70 लाख कर दिया है.

 

आयोग के निर्देश पर..

मेरठ-हापुड़ लोकसभा चुनाव के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. वहीं दूसरी ओर राजनैतिक दलों और निर्दलीय में चुनाव प्रचार को लेकर होड़ मची है. बाद इसके आलम यह है कि चुनाव प्रचार आरंभ होने के दिन से लेकर अब तक प्रत्याशी तय सीमा का 50 फीसदी तक खर्च नहीं कर सकें हैं जबकि अब प्रचार के लिए मात्र 2 दिन शेष हैं. इसे शीर्ष राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों के अलावा निर्दलीय भी शामिल हैं. इसे भारत निर्वाचन आयोग का चाबुक ही कहेंगे कि प्रत्याशी न सिर्फ पाई-पाई का हिसाब रख रहे हैं बल्कि चुनावी खर्चे में भी रिकार्ड कटौती कर रहे हैं.

 

खर्च का मिलान किया

शनिवार को व्यय प्रेक्षक अमिताभ भट्टाचार्य ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 5 अप्रैल तक प्रत्याशियों द्वारा किए गए खर्चे को ब्योरा तलब किया और उसका मिलान किया. विभिन्न मदों में किया गया खर्च दरों से मैच कर रहा है कि नहीं, यह भी व्यय प्रेक्षक ने देखा. बता दें कि चुनाव प्रचार पर रोक के बाद एक बार 9 अप्रैल को व्यय प्रेक्षक टीम के साथ चुनावी प्रचार-प्रसार में हुए खर्च के ब्योरे को खंगालेंगे. इसके बाद चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने के 25 दिन बाद एक बार फाइनल सर्वे होगा जिसमें प्रत्याशियों द्वारा किए गए खर्च के पूर्ण ब्योरे को शैडो रजिस्टर के साथ आयोग भेजा जाएगा.

 

कहां से दिखाएंगे आमदनी?

भारत निर्वाचन आयोग ने एक ओर खर्च की सीमा को बढ़ा दिया है तो वहीं दूसरी ओर सख्त प्रावधान लाकर प्रत्याशियों के हाथ बांध दिए हैं. बेशक सांसद के चुनाव में 70 लाख रुपए की खर्च सीमा आयोग तय कर दी हो किंतु साथ ही यह भी किया है कि प्रचार-प्रसार में खर्च होने वाली धनराशि की पाई-पाई का ब्योरा इनकम टैक्स विभाग को बताना होगा. बताना होगा कि वे प्रचार में खर्च होने वाली धनराशि को कहां और किस मद से लाए हैं? इसके अलावा व्यय प्रेक्षक के निर्देशन में सहायक व्यय प्रेक्षक की टीम की निगरानी, शैडो रजिस्टर भी प्रत्याशियों के अनाप-शनाप खर्च पर लगाम लगाए हुए हैं.

 

 

चुनाव के प्रचार-प्रसार के लिए आयोग ने खर्च की सीमा को बढ़ाकर 70 लाख रुपए कर दिया है. मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के लिए चुनाव लड़ रहे 11 प्रत्याशियों में से एक भी प्रत्याशी ने 5 अप्रैल तक खर्च की सीमा का 50 फीसदी तक खर्च नहीं किया था.

-सुभाष चंद्र प्रजापति, एडीएम फाइनेंस, मेरठ

 

11 प्रत्याशी मैदान में

बसपा - मो. हाजी याकूब

भाजपा - राजेंद्र अग्रवाल

कांग्रेस - हरेंद्र अग्रवाल

बहुजन महा पार्टी - अफजाल

शिवसेना - आरती अग्रवाल

कर्तव्य राष्ट्रीय पार्टी - किरन आरसी जाटव

भारतीय जनता दल - धर्मेद्र

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी - नासिर अली

सर्वोदय भारत पार्टी - राजेश गिरी

निर्दलीय - श्रवण कुमार अग्रवाल

निर्दलीय - सहन्सर पाल सिंह

Posted By: Lekhchand Singh