पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में अब कैदी में वोटिंग कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने ऐसा कराने का आदेश जारी किया है।

- पोस्टल बैलेट से मतदान करवाने की तैयारी

- बंदियों से वोट कराने को आयोग से आया आदेश

 

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VARANASI : लोकसभा चुनाव 2019 कई नई तकनीकी का गवाह बनेगा. साथ ही डिजिटल युग का अहसास भी कराएगा. इस बार वीवीपेट, ई-वोटिंग, लाइव आदि चीजें वोटरों के सामने नई होगी. इसी कड़ी में सलाखों के पीछे कैद विचाराधीन बंदियों को भी वोट डालने का मौका दिया जाएगा. पोस्टल बैलेट से बंदियों से मतदान करवाने की तैयारी की जा रही है.


जिला जेल में 2100 बंदी

जिला जेल में करीब 2100 बंदी विचाराधीन हैं. जिला जेल अधीक्षक पीके त्रिपाठी ने बताया कि अभी जिला प्रशासन की ओर से जिला जेल में बंद विचाराधीन बंदी से वोट डलवाने के बारे में कोई निर्देश नहीं प्राप्त हुआ है. बनारस में 19 मई को मतदान है. अभी काफी समय है. विचाराधीन बंदियों से वोट डालने को लेकर बातचीत की जाएगी.

विचाराधीन बंदियों को मतदान का मौका

सहायक निर्वाचन अधिकारी दयाशंकर उपाध्याय ने बताया कि उन्हीं विचाराधीन बंदियों को मतदान का मौका दिया जाने का निर्देश आयोग से प्राप्त हुआ है जो निवारक निरोध अधिनियम के तहत आते हैं. अगर कोई विचाराधीन बंदी उक्त अधिनियम के तहत जेल भेजा गया होगा तो उसे पोस्टल बैलेट से मतदान करवाया जाएगा. हालांकि, अभी ऐसे किसी बंदी के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है.

 

बैलट के साथ भेजना होगा घोषणा पत्र

सर्विस वोटरों को ऑनलाइन बैलेट का प्रारुप भेजा जाएगा. बैलेट से मतदान करने के साथ ही उन्हें एक घोषणा पत्र भी देना होगा. इस घोषणा पत्र में उन्हें अपनी यूनिट या दूतावास के दो साथियों के हस्ताक्षर भी करवाना जरूरी होगा. अगर घोषणा पत्र नहीं दिया जाता है तो भी वोट अमान्य घोषित होगा.

 

तो पति नहीं बन सकता सर्विस वोटर

वाराणसी में जहां 4700 सर्विस वोटर थे, वहीं अब संख्या 5400 तक पहुंच गई है. खास बात यह है कि अगर पत्नी अफसर है तो उसका पति सर्विस वोटर नहीं बन सकता है, जबकि पति के अफसर होने पर पत्नी सर्विस वोटर बन सकती है.

Posted By: Vivek Srivastava