- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की आर्थो ओटी में सी-आर्म मशीन खराब

- क्रिटिकल सर्जरी करने के बजाए मरीज करते हैं रेफर

GORAKHPUR : वेटिंग लंबी है, मगर क्या करें जरूरी है। फिर चाहे थोड़ी परेशानी हो या एक्स्ट्रा पैसा खर्च हो। यह हाल ट्रेन के वेटिंग टिकट वाले यात्रियों का नहीं, बल्कि गोरखपुर में सर्जरी के लिए एडमिट मरीजों का है। इस टाइम हॉस्पिटल में क्0 से क्ख् की वेटिंग चल रही है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आर्थो डिपार्टमेंट में मरीजों को सर्जरी के लिए वेट करना पड़ रहा है। जबकि हॉस्पिटल में एक, दो नहीं बल्कि पांच आर्थो सर्जन हैं। सभी सर्जन शासन के दिए गए टारगेट को भी पूरा कर रहे हैं।

सी-आर्म मशीन खराब

हॉस्पिटल में तैनात एक आर्थो सर्जन ने नाम न छापने पर बताया कि आपरेशन थिएटर में लगी सी-आर्म मशीन खराब पड़ी है। कई बार इसके बारे में हॉस्पिटल के एसआईसी से कंपलेन की गई। इंस्पेक्शन को आए मिनिस्टर से भी कहा गया। मगर प्रॉब्लम खत्म नहीं हुई। मशीन खराब होने से क्रिटिकल सर्जरी करना मुश्किल है। साथ ही अन्य सर्जरी में भी टाइम लगता है। इससे मरीजों की वेटिंग बढ़ जाती है। बीते कुछ दिन से मरीज अधिक आ रहे हैं, ऐसे में सर्जरी की वेटिंग बढ़ गई है। संडे छोड़ डेली करीब ब् से म् सर्जरी होती है। मतलब मंथली क्00 से अधिक सर्जरी हॉस्पिटल की आर्थो ओटी में होती है। जबकि शासन के अनुसार एक डॉक्टर को एक मंथ में कम से कम क्ख् सर्जरी का टारगेट रहता है।

कभी वेटिंग तो कभी रेफर

सरकार के बड़े-बड़े वादों की असली पोल हॉस्पिटल में खुलती है। जहां सभी बीमारी और इलाज का दावा करने वाली सरकार के आश्वासन पर जाने वाले मरीजों को सिर्फ परेशानी होती है। हॉस्पिटल में सी-आर्म मशीन खराब होने से कभी सर्जरी के लिए वेटिंग अधिक हो जाती है तो कभी डॉक्टर कंडीशन क्रिटिकल होने पर उन्हें रेफर कर देते हैं। जब सर्जरी के मरीजों की संख्या काफी अधिक हो जाती है तो भी कुछ को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।

आर्थो ओटी में सी-आर्म मशीन खराब है। शासन से इसकी डिमांड की गई है। मंत्री जी से भी मशीन न होने के चलते हो रही प्रॉब्लम को बताया गया है। उन्होंने जल्द मशीन देने का आश्वासन दिया है। मशीन खराब होने से कभी-कभी सर्जरी की वेटिंग बढ़ जाती है।

डॉ। सुधाकर मिश्रा, एसआईसी

Posted By: Inextlive