- बीती रात कागारौल में झूलते हाईटेंशन के तारों से टच होने पर खाक हुई थी बस

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आगरा। जिले में हाईटेंशन बिजली लाइन के झूलते तार मौत को खुली दावत देते नजर आ रहे हैं। हर वर्ष शासन से जिले में बिजली के नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए करोडों रुपये का बजट मुहैया कराया जाता है। बिजली का नेटवर्क दुरुस्त करने के नाम पर हर वर्ष करोड़ों रुपये ठिकाने लगा दिया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। यही कारण कि बीती रात बारात की बस में हाईटेंशन करंट लग जाने से दूल्हे के पिता समेत दो लोगों की मौत हो गई। इसमें ढाई दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रुप से झुलस गए।

पौन महीने में दर्जन भर से ज्यादा लोग मरे

पौन महीने में जिले में झूलते हाईटेंशन लाइन के तारों से दर्जन भर से ज्यादा लोग मर चुके हैं। बावजूद इसके लिए घटना के लिए जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। 11 अप्रैल को जिले में भयंकर तूफान आया था। इसमें जिले में 16 लोगों की मौत हो गई। 119 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। उसी दौरान 186 11 केवी की लाइन वाले विद्युत स्टेशन प्रभावित हुए थे। इसमें जिले में 56 उपकेन्द्र और 5064 बिजली के पोल धराशायी हो गए थे, जिनको अभी तक सुधारा नहीं जा सका है। पिछले वर्षो में 19 लोगों की डैथ हो चुकी है। अभी तक 202 मामलों में जांच हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई किसी जिम्मेदार के खिलाफ नहीं की जा सकी।

45 करोड़ से दुरुस्त होना था नेटवर्क

बिजली अधिकारियों के अनुसार मार्च 2018 तक 562 किमी का बिजली नेटवर्क का दायरा 45 करोड़ की लागत से दुरुस्त किया जाना था। 562 किमी। के दायरे में हाईटेंशन एलटी लाइनों के जर्जर हो चुके तारों को देखते हुए दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम द्वारा शासन को गत महीने प्रस्ताव भेजा था। उसी के सापेक्ष ये कार्य कराए जाने थे। गत वर्ष नेटवर्क दुरुस्त करने के लिए 10 करोड़ खर्च किए गए थे।

ये प्रस्ताव भेजे गए थे पावर कारपोरेशन को

भेजे गए प्रस्ताव लागत करोड़ रुपये में

361 ब्रेकर के तार बदलने के लिए 11 करोड़

50 सब स्टेशन की क्षमता वृद्धि 35 करोड़

11 हजार वोल्टेज की हाईटेंशन लाइन 32 करोड़

562 किमी। की लाइनों के तार जर्जर 45 करोड़

फीडर सेपरेशन 63 करोड़

Posted By: Inextlive