- निगम के ऑफिसर्स की लापरवाही का यह नतीजा है

- सफाई कर्मी तक ऑफिसर्स को मैनेज कर लेता है परेशानी पब्लिक को आती है

- हर महीने लूट के पैसे की नीचे से ऊपर तक होती है बंदरबांट

PATNA : मेयर अफजल इमाम ने भी माना है कि वार्ड में सेनिटरी इंस्पेक्टर की मिली भगत से इस तरह का खेल चल रहा है। मजदूरों को निजी कामों में लगाकर सफाई के काम को प्रभावित कर रहे है और इसका खामियाजा मेयर और तमाम वार्ड काउंसलर होते है। क्योंकि पब्लिक उससे अपने वोट का हिसाब मांगती है। इसको लेकर कई दफा सीनियर ऑफिसर्स को कहा गया है कि वो इस पर रोक लगाए लेकिन अब तक इस पर किसी भी तरह की रोक नहीं लग पायी है। वार्ड काउंसलर की ओर से भी कई बार शिकायत की जाती रही है लेकिन कहीं से भी किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया गया है। नतीजा यह हो गया है कि कई एरिया में महीनों से झाड़ू नहीं पड़ रहा है।

पब्लिक का पैसा लुटाया जा रहा

निगम का पैसा नहीं है। बल्कि निगम के फंड में पब्लिक का दिया हुआ है पैसा है जिसे सफाई, पानी, बिजली की सुविधा देकर पूरा करना होता है। लेकिन ऐसा नहीं होने की वजह से पब्लिक को हर दिन परेशानी फेस करनी पड़ती है। ताजुब है कि सवेरे से लेकर रात तक जब भी आप सड़कों पर निकलते हैं तो गंदगी का अंबार लगा रहता है। एक भी इंस्ट्रूमेंट, मजदूर और प्रोपर प्लानिंग की कमी का खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है।

सिटी की सफाई पर खर्च - क्ख् करोड़ से क्भ् करोड़।

महीने में वेतन पर खर्च - भ् करोड़ से 7 करोड़।

सेनिटेशन इंस्पेक्टर पर खर्च - ख् से फ् करोड़।

निगम में सफाई कर्मी है - ख्800

परमानेंट सफाई कर्मी - क्फ्भ्0

डेली वेसिस पर - क्ब्भ्0

डेली वेसिस वालों को मिलता है हर दिन - क्ब्ब् रुपए

क्ब्ब् रुपए के हिसाब से महीने का खर्चा - म्ख्,म्ब्000

क्ब्ब् रुपए के हिसाब से सलाना खर्चा - 7म्ख्क्ख्000

ख्भ्0 रुपए मजदूरी हो जाने पर सलाना खर्च - क्फ्,ख्फ्,क्ख्,भ्00 रुपए

पटना नगर निगम एरिया में वार्ड है - 7ख्

निगम एरिया में है घर - ब् लाख के आसपास

निगम का पूरा का पूरा एरिया - क्09 एक्वायर मीटर में

Posted By: Inextlive