Gorakhpur : हॉरर फिल्में अगर दिल की धड़कनों को बढ़ा देती है तो आपको स्लिम और फिट भी रखेगी. आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे मुमकिन है. मगर ये हकीकत है. एक रिसर्च और एक्सपर्ट के मुताबिक हॉरर फिल्में देखने का शौक न सिर्फ डराता है बल्कि हॉर्मोनल डिसबैलेंस भी होने लगता है. इससे पल्स रेट हाई होने के साथ तेजी से कैलोरी बर्न भी होने लगती है. इससे वेट इतनी तेजी से लॉस होता है जितनी न तो जिम करके और न ही धूप में वॉकिंग कर किया जा सकता है.

एक फिल्म और 200 कैलोरी बर्न
डॉ। सीपी मल्ल ने बताया कि हॉरर मूवीज देखने से ब्लड में मौजूद हॉर्मोन एड्रेलिन का लेवल अचानक घटने बढ़ने लगता है। एक रिसर्च के मताबिक यह बात सामने आई कि डेढ़ घंटे की मूवी देखने से करीब 200 कैलोरी बर्न होती है। इतनी कैलोरी बर्न करने के लिए एक नार्मल शख्स को करीब आधे घंटे से अधिक वॉकिंग करना पड़ता है। एक्सपर्ट के मुताबिक एड्रेलिन हॉर्मोन बढ़ने की वजह से तीन गुना से अधिक कैलोरी बर्न होने लगती है।
फॉरेन में हुई थी रिसर्च
हॉरर फिल्में कैलोरी लॉस करती है। यह बात कितनी सही है, इसको जानने के लिए वेस्ट माइंस्टर यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च हुई थी। जिसमें दस लोगों को हॉरर मूवी दिखाई गई थी। पूरी मूवी के दौरान रिसर्च टीम इन दस लोगों के हर मूड को कैप्चर कर रही थी। साइंटिस्ट टीम ने फिल्म देखने के दौरान इन लोगों की हार्ट बीट, ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड आउटपुट और कैलोरीज पर खासतौर पर निगाह रखी। स्टडी में मिला कि इन सभी की पल्स रेट, हार्ट बीट्स तेजी इनक्रीज कर रही थी। साथ ही कैलोरीज तीन गुना से अधिक बर्न हो रही थी। मतलब कैलोरी बर्न होने से वेट लॉस होना तय है।
हर मूवी का कांसेप्ट अलग-अलग होता है। अगर फिल्म का कांसेप्ट क्लियर होता है तो वो फोर्सफुली हमारी साइकी में जेनरेट होता है। जिससे एक रिस्पांस होता है, जिसे फाइट एंड फ्लाइट कहते है। इसमें इंसान या तो उस चीज से भागता है या डरता है या फिर सहम जाता है। हॉरर मूवीज हमारे बेसिक मेटाबॉलिज्म पर असर डालती है। जिससे कुछ हॉर्मोंस का सिक्रेशन होता है और कैलोरीज बर्न होती है।
डॉ। सीपी मल्ल, साइक्रेएटिस्ट

 

report by : kumar.abhishek@inext.co.in

Posted By: Inextlive