बरेली : मानसिक रूप से कमजोर एक युवती घर से अचानक कहीं चली गई। परिजनों ने काफी तलाश किया, पर वह नहीं मिली। अब तीन साल बाद उसे ढूंढा जा सका है। पता चलते ही परिजन उससे मिलने शहर के मानसिक हॉस्पिटल पहुंचे। पिता और भाई ने जैसे ही उसे देखा, उनकी आंखें भर आई।

बिहार के पश्चिमी चंपारण के गांव चनकुहवा के ललन राम की बेटी मीरा 30 मेंटली डिस्टर्ब थी। वह अचानक जनवरी 2017 को घर से लापता हो गई। वहां से मीरा किसी तरह 15 फरवरी 2017 को बदायूं के अलापुर में भटकती मिली। पुलिस ने उससे पूछताछ की लेकिन वह कुछ बता नहीं सकी। 18 फरवरी 2017 को मीरा को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बरेली के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे मानसिक हॉस्पिटल में रखने का आदेश हुआ। तब से मीरा हॉस्पिटल में ही थी।

छह महीने बाद हुई ठीक

हॉस्पिटल में इलाज के छह महीने बाद मीरा का मानसिक संतुलन ठीक हो गया। बिछुड़ों के लिए काम करने वाली एक संस्था के शैलेश शर्मा ने मीरा की काउंसलिंग की। उसके बताए एड्रेस पर संपर्क किया गया, तो मीरा को लेने उसके पिता, भाई बहारान और बहनोई विनोद हॉस्पिटल पहुंचे।

मीरा अब डिस्चार्ज के लिए फिट है, इसलिए सभी औपचारिकताओं के बाद परिजनों के साथ भेज दिया गया।

- डॉ। सीपी मल्ल, मानसिक चिकित्सालय, बरेली के वरिष्ठ मनोचिकित्सक

Posted By: Inextlive