देह व्यापार या फ्लैश ट्रेड के आंकड़े भारतीय उपमहाद्वीप में काफी ऊंचे हैं कारण तीन गरीबी एक्सपोज़र के कारण देह के प्रति लोगों की बढ़ती भूख और पावर की चाह। ये तीनों ही कारण अलग अलग तरीके से निर्दोष लोगों को सेक्स के बाजार में धकेलते हैं इस दुनिया मे इंसानी शरीर एक खरीदने बेचने की चीज़ मात्र है इसी दुनिया की एक कहानी है लव सोनिया।

कहानी :
सोनिया अपनी बहन की तलाश में है जिसे गरीबी के कारण उसके बाप ने बेच दिया है, उसकी जर्नी ही है फिल्म की कहानी।

Rating : 3.5 STAR

समीक्षा :
ये फिल्म उतनी ही कड़वी है, जितनी कड़वी सच्चाई है कि देह व्यापार एक दलदल है जिसमे मांस नोचने वाले कीड़े रहते हैं। फिल्म परत दर परत आपको इस घिनौनी दुनिया से आपका साक्षात्कार करवाती है, गहरे अंधेरे में चहल पहल से भरी इस दुनिया मे आपका दम घुटने से लगेगा। यही इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है, माहौल एक दम सही क्रिएट किया है, फिल्म का आर्ट डायरेक्शन , फिल्म का लुक एंड फील, कॉस्ट्यूम डिज़ाइन और फिल्म का कैमरावर्क काफी अच्छा है। इसी कारण आपको ऐसी फीलिंग आएगी कि आप उन बदनाम गलियों में हैं और इन औरतों की कहानियों को साक्षात देख रहे हैं। फर्स्ट हाफ बहुत अच्छा लिखा हुआ है, सेकंड हाफ में आके फिल्म थोड़ी भटक सी जाती है पर ओवरआल काफी अच्छी है। मधुर भंडारकर की फिल्मों की तरह इस फिल्म के किरदार क्लीशे में बात नहीं करते, वो सभी आपनी अपनी भाषा मे बात करते हैं, और उतनी ही करते हैं, जितनी करनी चाहिए, फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बाकी बात करता है।

 

This looks raw, real and hard hitting. All the best #mrunal and the entire team. Can’t wait to watch! #LoveSoniaTrailer #AgainstAllOdds https://t.co/tJp8OOEZBZ

— Hrithik Roshan (@iHrithik) August 23, 2018अदाकारी :
मनोज बाजपेयी का किरदार महाक्रीपी है, आपको तुरंत ही उनसे नफरत हो जाती है, मन करता है कि पर्दे में घुस कर किरदार के दांत तोड़ दिये जाएं, बड़ी बात तो नहीं होगी अगर मैं कहूँ कि मनोज बाजपेयी का ये किरदार उन्होंने उतने ही परफेक्शन के साथ निभाया है जैसे सत्या, कौन या अलीगढ़ में निभाया था। ऋचा चड्ढा भी बढ़िया हैं, साथ मे फरीदा पिंटो, आदिल हुसैन और अनुपम खेर भी अपना अपना पार्ट बिल्कुल टू द पॉइंट निभाते हैं। मृणाल ठाकुर इस फिल्म की जान हैं, उनका ये किरदार इस साल के सबसे जबर्दस्त एक्ट्स में गिना जाएगा।

सेकंड हाफ में फिल्म थोड़ी फिल्मी हो जाती है, जब तक कहानी इंडिया में रहती है, तब तक तो ठीक है, पर फिरंगी जमीन पर पहुंचते ही थोड़ी बड़बोली हो जाती है, फिर भी अगर आपके दिल मे डार्क सब्जेक्ट को देखने का जिगर है, तो देख आइये लव सोनिया।

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : yohaannn

नेशनल अवार्ड के लिए नहीं चुनौती मानकर करता हूं अपनी फिल्में : मनोज बाजपेयी

Posted By: Chandramohan Mishra