- कर्मचारी सुभाष बचपन से किराना कारोबारी के फर्म में करता था काम

- परिवार में पत्नी और दो बेटी, मालिक ने अंतिम संस्कार का दिया खर्च

- कानून मंत्री ने बेटियों की शिक्षा की ली जिम्मेदारी

LUCKNOW: किराना कारोबारी की फर्म में सुभाष महज 8 हजार रुपये प्रतिमाह की सैलरी पर नौकरी करता था। घटना के दौरान सुभाष ने अपनी जिंदगी देकर वफादारी साबित कर दी। सुभाष किराना कारोबारी के फर्म में बचपन से नौकरी करता था। उसकी मौत पर कारोबारी के परिवार के सदस्य भी आहत हैं। सुभाष अपने पीछे कच्चा मकान, दो बेटियों के साथ बीमार पत्‍‌नी को छोड़ गये।

बेटियों ने कहा कातिलों को मिले सजा

बालागंज कैंपल रोड निवासी सुभाष के परिवार में उसकी बीमार पत्नी मंजू बेटी वैष्णवी (13) और प्रज्ञा (11) हैं। दोनों बालागंज स्थित एक प्राइवेट स्कूल में 8 और 6 क्लास में पढ़ती हैं। पिता की मौत की खबर मिलते ही दोनों अपनी बीमार मां मंजू के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची। मंजू ने बताया कि सुभाष सुबह 9.30 अपनी साइकिल से दुकान के लिए निकले थे। उन्हें नहीं मालूम था कि वह कभी वापस नहीं लौटेंगे। पिता की मौत से आहत दोनों बेटियों ने कहा कि कातिलों को जल्द पकड़ा जाए और जल्द से जल्द सजा मिले, तभी उनके मन को शांति मिलेगी।

मालिक ने उठाया अंतिम संस्कार का खर्च

सुभाष की मौत से किराना कारोबारी चारों भाई राम निवास अग्रवाल, लालता प्रसाद, खेम चंद्र और श्रीराम अग्रवाल का परिवार भी आहत है। उनका कहना है कि सुभाष उनका सबसे वफादार और विश्वासपात्र कर्मचारी था। वह काफी लंबे समय से काम कर रहा था। बदमाशों से भिड़ने के चलते उसकी मौत हुई है। उन्होंने ही अंतिम संस्कार का पूरा खर्च उठाया। घटना के बाद मौके पर पहुंचे कानूनी मंत्री ब्रजेश पाठक ने दोनों बेटियों की शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया। साथ ही सुभाष के परिवार को सरकार से मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया। वहीं सूचना पाकर पहुंचे सुभाष के रिश्तेदारों ने पीडि़त परिवार को किराना मालिकों की तरफ से दस लाख रुपये मुआवजे देने की मांग की।

Posted By: Inextlive