Jamshedpur: एलपीजी की राशनिंग की सालाना कीमत सिटी में 40 करोड़ 35 लाख रुपए से ज्यादा होगी. गर्वनमेंट के इस जोर के झटके का असर केवल एलपी जी तक ही सीमित नहीं रहने वाला.


डीजल के प्राइस हाइक का असर इसेंशियल कमोडिटीज से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक पडऩे वाला है.यानि गवर्नमेंट के इस कीमती तोहफे का असर आपके डे टू डे लाइफ के लगभग हर आसपेक्ट को टच करने वाला है। तो मंहगाई के इस हाहाकार से बचने के लिए अब आपको अपने  मंथली बजट की भी राशनिंग करनी होगी।  Costly affair


गवर्नमेंट के इस नए फैसले के बाद अब हर एलपीजी कंज्यूमर को साल में सिर्फ 6 सब्सिडाइज्ड रेट वाले  सिलींडर्स मिलेंगे। इससे ज्यादा सिलींडर लेने वाले कंज्यूमर को इस पर आनेवाले पूरे खर्चे का पेमेंट करना पड़ेगा। नॉन सब्सिडाइज्ड सिलींडर की कीमत सब्सिडी वाले एलपीजी की तुलना में दुगनी से भी अधिक होगी। यानि सालाना 6 सिलींडर से ज्यादा की खपत वाली फैमिलीज पर अब करोड़ो की मार पड़ेगी। सिटी में एलपीजी के प्रेजेंट कंज्यूमर्स और उनकी खपत के हिसाब लगाएं तो इस मार की कीमत होगी 40 करोड़ 35 लाख रुपए से भी अधिक है।एक तो करेला दूजे चढ़ा नीम

एलपीजी की इस राशनिंग ने सिटी के लोगों को हैरत मे डाल दिया है। लगातार बढ़ती महंगाई से लोग अभी उबर भी नहीं पाए थे कि उन पर महंगाई की एक नई मार पड़ गई। सिटी में ऐसे लाखों फैमिलीज हैैं जहां साल में 12 या उससे ज्यादा सिलींडर्स की खपत होती है। ऐसे कंज्यूमर्स को सब्सिडाइज्ड रेट यानी 421.25 रुपए में मिलेंगे। अब खपत 12 सिलेंडर्स की भी मान लें तो एक्सट्रा 6 सिलेंडर के लिए उन्हे करीब 24 सौ रुपए ज्यादा चुकाने पड़ेंगे। इस राशनिंग का कीचन की बजट पर भी जबरदस्त असर होगा।क्या govt को joint families का मतलब पता नहीं?गवर्नमेंट के इस डिसीजन को लेकर ज्वाइंट फैमिली में रहने वाले लोगों में काफी निराशा है। गवर्नमेंट ने क्या सोचकर सिलींडर की राशनिंग करने का डिसीजन लिया, क्या सरकार को नहीं पता की ज्वाइंट फैमिलीज को इससे कितनी प्राब्लम होगी। बड़ी फैमिली में महीनें मे एक सिलेंडर भी मुश्किल से चलता है, ऐसे में इस राशनिंग से तो आम लोगों की कमर टूट जाएगी, ये कहना है मानगो की रहने वाली नीता श्रीवास्तव का। नीता के जैसे हीं कई लोग इस राशनिंग की वजह से परेशान हैैं।बढ़ेगी कालाबाजारी

एलपीजी की राशनिंग ने इसके कालाबाजारी बढऩे के चांसेज भी काफी बढ़ा दिए हैैं। लाख नियम होने के बावजूद सिटी में एलपीजी का गोरखधंधा सालों से चलते आ रहा है। होटल्स हो या वैन, इनमें घड़ल्ले से डोमेस्टिक सिलेंडर्स का यूज होता है। सिटी में गैस कटिंग का धंधा भी बेलगाम चल रहा है। राशनिंग के बाद डिस्ट्रीब्यूटर अब एक सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग पहले से कहीं ज्यादा कमाई कर पाएंगे। रुलाएगा डीजल भीएलपीजी के साथ-साथ डीजल का प्राइस हाइक भी महंगाई के इस जख्म को और गहरा करेगा। गवर्नमेंट ने डीजल के प्राइस में भी एकमुश्त बढ़ोत्तरी कर दी है। डीजल की कीमत में हुए इस इजाफे से ना सिर्फ कार की सवारी महंगी होगी साथ ही ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढऩे से इसेंसियल कमोडिटीज के दाम भी बढ़ेगें। सिटी में इस प्राइस हाइक का जबरदस्त असर देखने को मिलेगा।बढ़ेगा public transport का fair
डीजल के प्राइस में हुए इस हाइक का असर सिटी के लोगों पर पडऩे भी लगा है। दाम बढ़े अभी एक दिन भी नहीं बीते थे कि बस के फेयर में इजाफा किए जाने की बात शुरु हो गई है। डिफरेंट रुट पर चलने वाले बस ऑपरेटर भाड़े में बीस पर्सेंट तक की बढ़ोत्तरी करने की बात कर रहे हैैं। वहीं ऑटोचालक भी किराया में वृद्धि करने की मांग करने लगे हैैं। सिटी के डिफरेंट रुट पर चलने वाले ऑटो के फेयर में 10 से 20 पर्सेट इजाफा करने की मांग की जा रही है। कुछ ऑपरेटर बस फेयर में 500 किलोमीटर तक 30 रुपए और इससे कम की दूरी पर 20 रुपए तक के बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैैं।बढ़ सकते है सब्जियों और फूड आइटम्स के दामडीजल की कीमत में हुए इजाफे की वजह से माल भाड़े में भी बढ़ोत्तरी करने की चर्चा भी होने लगी है। नेशनल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एस एल गुलजार का कहना है कि माल भाड़े मे 20 से 30 पर्सेंट तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसा होने पर सिटी में फूड आइटम्स की कीमतों में भी इजाफा होने की संभावना है। सिटी में बड़ी मात्रा में सब्जियों और फ्रूट्स की सप्लाई महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश के साथ-साथ और भी कई स्टेट्स से होती है।क्या कहता है calculation?
सिटी में अबलेवल इंडेन, एचपी और भारत पेट्रोलियम की एपीजी एजेंसियों से कलेक्ट किए गए आंकड़े बताते हैं कि शहर में कुकिंग गैस के कुल 1,97,867 कंज्यूमर हैैं। आंकड़े बताते हैं कि इन एजेंसियों द्वारा हर महीने कंज्यूमर्स को करीब 1 लाख 83 हजार सिलींडर्स की सप्लाई की जाती है। यानि अब कंज्यूमर्स को 6 सब्सिड़ी वाले सिलींडर्स के हिसाब से ऑन एवरेज हर साल 11 लाख 87 हजार 202 कुकिंग गैस की सप्लाई की जाएगी। वहीं पर इयर होने वाले टोटल सप्लाई 21 लाख 96 हजार सिलींडर्स   को उपर दिए डाटा से डीडक्ट करने पर अब हर साल सिटी में करीब 10 लाख 8 हजार 7 सौ नॉन सब्सिडाइज्ड सिलींडर्स की सप्लाई की जाएगी। अब टोटल नॉन सब्सिडाइज्ड सीलींडर के फीगर को 4 सौ मल्टीप्लाई करें जो कि प्रति सिलींडर एक्सपेक्टेड प्राइस हाइक रेट है तो हर साल अब कंज्यूमर्स को 40 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने  पड़ेंगे।

Posted By: Inextlive