RANCHI: रिम्स में अब एलपीजी गैस सिलेंडर की सप्लाई की टेंशन नहीं होगी। वहीं सिलेंडर नहीं रहने की स्थिति में मरीजों को देर से खाना परोसने की नौबत भी नहीं आएगी। चूंकि रिम्स में किचन से लेकर कॉलोनी तक पाइपलाइन से गैस सप्लाई करने की तैयारी है, जिसके बाद जितना गैस खर्च उतना ही चार्ज देना होगा। वहीं गैस खत्म होने का टेंशन भी खत्म हो जाएगा। बताते चलें कि गेल के अधिकारियों ने रिम्स में गैस सप्लाई करने की इच्छा जताई और इंस्पेक्शन भी कर लिया है।

केवल किचन में सिलेंडर पर 2,43,360 खर्च

हॉस्पिटल के किचन में हर दिन 1500 मरीजों का खाना बनाया जाता है्र जिसके लिए 19.2 किलो के छह सिलेंडर खर्च हो जाते हैं। वहीं महीने का हिसाब लगाया जाए तो 180 सिलेंडर तक आंकड़ा पहुंच जाता है। अब खर्च की बात करें तो एक सिलेंडर की कीमत 1352 रुपए है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केवल सिलेंडर पर 2,43,360 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में नई व्यवस्था लागू हो जाने से प्रबंधन को खर्च भी बचेगा और टेंशन भी कम हो जाएगा।

डॉक्टर्स व स्टाफ्स को होगी राहत

हॉस्पिटल के डॉक्टर्स कॉलोनी में डॉक्टरों के अलावा रिम्स के स्टाफ भी रहते हैं, जहां डॉक्टरों की संख्या 80-100 के बीच है। जबकि स्टाफ्स की संख्या भी 120 से अधिक है। जिनके घरों में डोमेस्टिक गैस का इस्तेमाल होता है। ऐसे में कॉलोनी में पाइपलाइन से गैस की सप्लाई होने पर सभी को राहत मिल जाएगी। न तो उन्हें सिलेंडर के लिए नंबर लगाना होगा और न ही सिलेंडर लाने-ले जाने का टेंशन होगा। जितनी गैस का इस्तेमाल करेंगे उतना ही चार्ज देना होगा।

23 अगस्त को रांची से हुई थी योजना की शुरुआत

25 मई 2018 को रांची में पीएम नरेंद्र मोदी ने शहरी गैस परियोजना का शिलान्यास किया था। वहीं 23 अगस्त 2019 को पाइपलाइन से घरों में गैस सप्लाई का उद्घाटन किया गया। इसके बाद से लगातार पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। वहीं घरों में भी कनेक्शन को लेकर लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है।

Posted By: Inextlive