लोकसभा में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कानून गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन बिल यूएपीए बिल पास हुआ है। इस कानून के तहत अब सरकार को किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने का अधिकार है। अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए इस तरह के कठोर कानूनों की आवश्यकता है और यह विधेयक राज्यों की शक्तियों का अवहेलना नहीं करता है।


नई दिल्ली (एएनआई)। लोकसभा में बुधवार को लंबी बहस के बाद आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कानून यूएपीए अमेंडमेंट बिल (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन बिल) पास हो गया है। इस कानून के तहत अब भारत सरकार को किसी भी व्यक्ति को संदेह होने पर आतंकी घोषित करने का अधिकार है। अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में आतंकवाद को खत्म करने के लिए इस तरह के कठोर कानूनों की आवश्यकता है और यह विधेयक राज्यों की शक्तियों का अवहेलना नहीं करता है। इसके साथ शाह ने सदन को यह भी आश्वासन दिया कि भाजपा सरकार इस कानून का कभी भी दुरुपयोग नहीं करेगी, यह संसोधित विधेयक आतंक विरोधी एजेंसियों को आतंकवादियों से दो कदम आगे रखेगा।विपक्षी नेताओं ने किया विरोध
इस कानून में किये गए संसोधन का कांग्रेस सहित कई विपक्षी नेताओं ने लोकसभा में विरोध किया। यहां तक वह सदन से उठकर चले भी गए। इसपर शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने केवल कांग्रेस द्वारा लागू किए गए कानून में संशोधन किया है और उसे कठोर किया है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार ने जो किया वह सही था और अब भाजपा सरकार जो कर रही है वह भी सही है। शाह ने कहा, '1967 में कांग्रेस सरकार द्वारा कानून बनाया गया था और 2004, 2008 व 2013 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उसमें संशोधन किए गए थे। कानून को किसने बनाया सख्त? आपने जो किया वह सही था, हम जो कर रहे हैं वह भी सही है।'गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का रखा प्रस्तावजड़ से आतंकवाद को खत्म करने के लिए यह संसोधनशाह ने लोकसभा में कहा, 'विधेयक में एक व्यक्ति को संदेह होने पर आतंकवादी करार देने वाले प्रावधान की आवश्यकता है। यह आतंवाद को जड़ से खत्म करने के लिए बेहद जरुरी है। चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, यूरोपियन यूनियन सहित सभी देशों में इस तरह का कानून है।' उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भतकाल जैसे आतंकी, जो कई सालों से भारत के राडार पर हैं, वह बहुत पहले पकड़े जाते अगर उन्हें टेररिस्ट घोषित कर दिया जाता।

Posted By: Mukul Kumar