एक ही कोर्स में दो तरह की फीस वसूल रहा एलयू
- एलयू प्रशासन एक कोर्स की फीस ले रहा दो तरह से
- स्टूडेंट्स ने एलयू वीसी से लगाई फीस कम करने की गुहार LUCKNOW :एलयू में पांच वर्षीय एमबीए कोर्स में यूजी लेवल की फीस अलग और पीजी लेवल की फीस अलग-अलग लेने का मामला सामने आया है। एमबीए फाइव इयर के स्टूडेंट्स जब चौथे साल की फीस जमा करने डिपार्टमेंट पहुंचे तो उनसे छठे सेमेस्टर से दोगुना फीस जमा करने को कहा गया। स्टूडेंट्स ने जब इसके बारे में पूछा तो विभाग के कर्मचारियों का कहना था शुरू से ही यह नियम है। बीच सेशन में कोई फीस नहीं बढ़ाई है। जबकि स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्होंने इंट्रीग्रेटेड कोर्स में एडमिशन लिया है, ऐसे में कोर्स की शुरुआत में जो फीस तय होती है वही फीस कोर्स के आखिरी तक लिया जाता है। इस मामले में एमबीए फाइव इयर के स्टूडेंट्स ने वीसी से फीस कम करने की गुहार लगाई है।
75 हजार प्रति सेमेस्टरएमबीए फाइव इयर कोर्स में तीन साल बीबीए और अगले दो साल एमबीए का कोर्स पढ़ाया जाता है। इस कोर्स में 2016 में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को फोर्थ इयर में एडमिशन लेना है। ये स्टूडेंट्स फोर्थ इयर में एडमिशन लेने के लिए विभाग फीस जमा करने पहुंचे तो उन्हें दोगुना फीस जमा करने का कहा गया। उन्हें बताया गया कि अब अगले दो साल प्रति सेमेस्टर 75 हजार रुपए जमा करने होंगे।
पीजी की फीस लगेगी स्टूडेंट्स के विरोध पर बताया गया कि इंट्रीग्रेटेड कोर्स में यूजी और पीजी दोनों तरह की फीस ली जाती है। आप सभी का यूजी लेवल पूरा हो गया है। पीजी में आपका एडमिशन हो रहा है। ऐसे में फीस पीजी लेवल की ही जमा करनी होगी। इसके अलावा 5 हजार कॉशन मनी और 1 हजार रुपए इंनरोलमेंट फीस जोड़कर सातवें सेमेस्टर में कुल 81 हजार रुपए जमा करने होंगे। एलयू का दावा पहले से ही है नियमएलयू के अधिकारियों का कहना है कि एमबीए फाइव इयर में पहले से ही यूजी और पीजी कोर्स की तर्ज पर फीस लेने का नियम है। इन स्टूडेंट्स ने इस साल यूजी पूरा किया है। ये अभी तक 30 हजार रुपए सेमेस्टर फीस जमा कर रहे थे। अब इनसे पीजी की फीस ली जाएगी। वहीं एलयू के जिम्मेदार अधिकारी आधिकारिक तौर पर इस पर कुछ भी नहीं कह रहे हैं। उनका कहना है इंट्रीगे्रटेड कोर्स में एक ही तरह की फीस पांचो साल लेने का नियम है। यह कैसे हुआ, इसके लिए नियम देखना होगा।
एमबीए फाइव इयर के स्टूडेंट्स ने शिकायत दर्ज कराई है। इसकी जांच की जा रही है। अभी इस पर कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कह सकता। प्रो। राज कुमार सिंह, प्रति कुलपति