ऐश के लिये रकम का इंतजाम न होने पर एलयू के तीन छात्रों ने साइड बिजनेस के तौर पर अपहरण व रंगदारी के धंधे में कदम रख दिया.

- निर्माण निगम के अपर प्रोजेक्ट मैनेजर को रंगदारी न देने पर दी थी अपहरण की धमकी

- बाइक, तमंचा, रॉड व मोबाइल फोन बरामद

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LUCKNOW : ऐश के लिये रकम का इंतजाम न होने पर एलयू के तीन छात्रों ने साइड बिजनेस के तौर पर अपहरण व रंगदारी के धंधे में कदम रख दिया। उन तीनों ने अपने पहले शिकार निर्माण निगम के अपर प्रोजेक्ट मैनेजर को फोन कर 10 लाख रुपये रंगदारी देने और रकम न देने पर अपहरण की धमकी दी। भुक्तभोगी ने गोसाईगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई। हरकत में आई पुलिस ने बाबूगंज एरिया से तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। आरोपियों के कब्जे से फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक, तमंचा, रॉड व मोबाइल फोन बरामद हुआ है। एसपी ग्रामीण के मुताबिक, आरोपियों ने अपने शिकार की रेकी कर उसका वीडियो भी बना लिया था। हालांकि, वे अपने इरादे में सफल हो पाते इससे पहले ही वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

कॉल आते ही उड़े होश
एसपी ग्रामीण डॉ। गौरव ग्रोवर के मुताबिक, फिरोजाबाद के मूल निवासी संजय कुमार सिंह राजकीय निर्माण निगम में अपर प्रोजेक्ट मैनेजर हैं। वर्तमान में वे गोसाईगंज स्थित शहीद पथ के करीब कैंप कार्यालय में तैनात हैं। संजय मौजूद समय में कृष्णानगर स्थित एलडीए कॉलोनी में रहते हैं। शनिवार शाम संजय सिंह के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आई। संजय ने कॉल रिसीव की तो दूसरी तरफ से बोल रहे शख्स ने कहा कि वह तुरंत 10 लाख रुपये का इंतजाम कर लें नहीं तो उनका अपहरण कर लिया जायेगा। यह सुनते ही संजय कुमार सिंह के होश उड़ गए। वे आनन-फानन गोसाईगंज थाने पहुंचे और पुलिस को अज्ञात बदमाशों के खिलाफ तहरीर दी।

सर्विलांस की मदद से दबोचे गए
पुलिस ने उनकी तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर धमकी वाले मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेते हुए उसकी निगरानी शुरू कर दी। रविवार को वह नंबर शहीद पथ के पास एक्टिव मिलते ही पुलिस हरकत में आई और आनन-फानन ट्रैप लगाकर वहां मौजूद तीन युवकों को अरेस्ट कर लिया। पकड़े जाने पर उनकी शिनाख्त मुजफ्फरनगर निवासी विपुल बालियान, गोरखपुर निवासी आरिफ हुसैन और बलिया निवासी हरिकेश ठाकुर के रूप में हुई। पूछताछ में आरोपियों ने संजय कुमार सिंह से रंगदारी मांगने और न देने पर अपहरण की योजना बनाने की बात कुबूल कर ली।

स्टेट लेवल खिलाड़ी है मास्टरमाइंड
एसपी ग्रोवर ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि रंगदारी व अपहरण की योजना आरोपी विपुल बालियान ने बनाई थी। वह 2003 में लखनऊ आया था और गुरु गोविंद सिंह स्पो‌र्ट्स कॉलेज में एडमिशन लिया था। वह फुटबॉल का स्टेट लेवल का खिलाड़ी है और वर्ष 2010 में उसने सहारा इंडिया टीम की कप्तानी की थी। वर्ष 2013 में उसने संतोष ट्रॉफी में भी खेला था। उन्होंने बताया कि आरोपी आरिफ व हरिकेश भी स्पो‌र्ट्स कॉलेज के पूर्व छात्र हैं और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी हैं। कॉलेज में ही वे दोनों विपुल के संपर्क में आए थे।

कर ली थी रेकी
आरोपी विपुल ने संजय कुमार सिंह के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर रखी थी। उसने मोबाइल फोन से संजय की कई फोटोग्राफ खींची और रेकी कर उनके आने-जाने के वीडियो बनाये। विपुल ने पुलिस को बताया कि वे लोग संजय को रास्ते में रोककर रंगदारी की रकम वसूलने का प्लान बना चुके थे। अगर संजय रकम देने से इंकार करते तो वे लोग उनका अपहरण कर लेते।

बाइक में लगा रखी थी फर्जी नंबर प्लेट
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से जो बाइक बरामद की उसमें फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया था कि रंगदारी वसूलने के दौरान उनकी गाड़ी का असली नंबर किसी की नजर में न आए और वे पुलिस से बचे रह सकें।

Posted By: Inextlive