- पेपर लीक की घटना सामने आने के बाद एलयू ले उठाया कदम

- प्रोफेसर से सवाल बनवाकर उसे सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा

- सॉफ्टवेयर खुद बनाएगा इन सवालों से पूरा क्वेश्चन पेपर

- अगले सेशन से एलयू शुरू करेगा यह व्यवस्था

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए क्वेश्चन पेपर बनाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। यूनिवर्सिटी नए सेशन में सभी विषयों के पेपर सेट करने के लिए एक सॉफ्टवेयर का प्रयोग करेगा। सॉफ्टवेयर में पेपर सेट करने के लिए यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के सवालों के साथ दूसरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के सवालों को भी अपलोड किया जाएगा। सॉफ्टवेयर अपलोड किए गए सवालों को रेंडमली सेलेक्ट कर उसके अलग-अलग सेट बना देगा।

सॉफ्टवेयर का बनाया पेपर आएगा

एलयू के प्रवक्ता डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन नए सेशन में किसी प्रोफेसर द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्र के स्थान पर सॉफ्टवेयर द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्र से परीक्षा कराएगा। सॉफ्टवेयर में केवल एलयू के प्रोफेसर्स और दूसरे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के सवालों को ही अपलोड किया जाएगा। इस सिस्टम से एलयू के परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी क्योंकि जिन प्रोफेसर से पेपर के लिए क्वेश्चन तैयार कराए जाएंगे, उन्हें भी यह पता नहीं चलेगा कि वे परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से सभी प्रश्नपत्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स द्वारा ही बनाये जाते हैं, लेकिन अब परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों को केवल संबंधित डिपार्टमेंट तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा बल्कि किसी अन्य यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के सवाल लिए भी जाएंगे। इससे स्टूडेंट्स के ज्ञान को अच्छे से परखा जा सकेगा। प्रक्रिया के लागू होने से पेपर लीक जैसी समस्या पर रोक लगाने में काफी मदद मिलेगी।

एलयू अपने स्तर से तैयार कराता है पेपर

एलयू अभी तक परीक्षा के लिए सभी विभागों के माध्यम से प्रश्नपत्र तैयार कराता है। इसके लिए सभी विभागों में एचओडी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाती है। यह कमेटी हर सब्जेक्ट के प्रश्नपत्र बनवाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाती है। इस कमेटी में शामिल सभी सदस्य अपने-अपने प्रश्नपत्र का एक-एक सेट बनाकर परीक्षा विभाग को भेजते हैं। इसके बाद परीक्षा विभाग कमेटी की ओर से भेजे गए चारों प्रश्नपत्रों के सेट में एक सेट को गोपनीय रूप से तय कर उसे प्रिंट कराकर उससे परीक्षा कराता है।

पेपर लीक के बाद उठाया जा रहा कदम

पेपर सेटिंग सिस्टम में परिवर्तन लाने का निर्णय 11 दिसंबर को पेपर लीक होने की घटना प्रकाश में आने के बाद लिया गया है। इसमें एक ऑडियो में एक महिला छात्र यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स से सवाल पूछी रही है। मामले के संज्ञान में आने के बाद एसटीएफ ने घटना की जांच की और सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 40 प्रतिशत से अधिक प्रश्न वायरल आडियो के साथ मेल खा रहे हैं।

Posted By: Inextlive