एक सेंटर के ब्लैक बोर्ड पर चिपका मिला पि्रंटिंग आइटम, मुख्यालय से फोन पर पूछा गया कारण

गांव-देहात के कई सेंटर्स पर स्पीड की दिक्कत, एमबीपीएस की जगह केबीपीएस में आ रही स्पीड

Meerut। यूपी बोर्ड एग्जाम में नकल रोकने के लिए शासन पूरी तरह चौकन्ना है। जरा सी गड़बड़ी भी कंट्रोल रूम और सेंटर्स को महंगी पड़ सकती है। जीआईसी स्थित कंट्रोल रूम में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब मुख्यालय ने एक सेंटर के ब्लैक बोर्ड पर चिपके प्रिंटिंग मैटेरियल के बारे में पूछ लिया। मुख्यालय से कॉल आने के बाद सेंटर से तुरंत उसे हटवाया गया। स्थिति ये है कि मामूली चीज पर भी जवाब मांगा जा रहा हैं। अगर किसी सेंटर के कैमरे की सेटिंग में जरा भी गड़बड़ है तो मुख्यालय से तुरंत ही कॉल कर आगाह कर दिया जा रहा है।

हर गतिविधि पर नजर

मुख्यालय से कंट्रोल रूम के साथ ही सभी सेंटर्स पर लगातार निगरानी की जा रही है। मेरठ के एक सेंटर पर ब्लैक बोर्ड पर अखबार चिपका दिए गए थे। बुधवार को मुख्यालय कंट्रोल रूम ने मॉनिटरिंग के दौरान इन्हें देखते ही मेरठ कंट्रोल रूम में कॉल कर जवाब मांगा। इसके बाद तुरंत ही कंट्रोल रूम से सेंटर पर फोन किया गया और पेपर हटवाए गए। वहीं एक अन्य सेंटर पर बोर्ड पर चॉक से कुछ लिखा हुआ था, उसे भी बाद में साफ करवाया गया।

नेटवर्क की दिक्कत

कंट्रोल रूम के सामने सबसे बड़ी दिक्कत सेंटर्स पर राउटर्स में स्पीड न आने की है। कंट्रोल रूम से लिंक होने के लिए जो स्पीड एमपीबीएस में आनी चाहिए वह केबीपीएस में आ रही है। ये स्थिति अधिकतर गांव-देहात के स्कूलों की है। मंगलवार को भी सेंटर्स पर राउटर्स की कम स्पीड के कारण कंट्रोल रूम समस्याओं का सामना करना पड़ा।

सभी सेंटर्स पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अभी तक किसी भी सेंटर पर कोई संदिग्ध गतिविधि नजर नहीं आ रही हैं। मंगलवार को किसी सेंटर पर ब्लैक बोर्ड पर कुछ लिखा था और कहीं न्यूज पेपर लगे थे, जिन्हें तुरंत हटवा दिया गया।

गिरजेश कुमार चौधरी, डीआईओएस, मेरठ

Posted By: Inextlive