- लखनऊ हाट पर शिल्प मेले का पर्यटन मंत्री ने किया उद्घाटन

- 992.39 लाख लागत से बना पांच मंजिला भवन

- हाट में 36 दुकानें और पांचवीं मंजिल पर फूड जोन

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिए बहुत कुछ है। पर्यटन को लेकर प्रदेश सरकार काफी काम कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार यूपी पर्यटन के लिए भेदभाव कर रही है। सैटर्डे को लखनऊ हाट पर आयोजित शिल्प मेले के उद्घाटन पर पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह यह बात कही। उन्होंने कहा पीआईडीसी योजना के लिए केंद्र का अंश नहीं मिल रहा है।

पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ में आने वालो पर्यटकों व अतिथियों को एक ही छत के नीचे हस्तशिल्प व हथकरघा से निर्मित कलात्मक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ हाट का निर्माण किया गया है। इसके जरिए पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, वहीं हस्तशिल्पियों को भी अपनी शिल्प कला को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रमुख स्थान मिल सकेगा। इससे रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने लखनऊ हाट पर आयोजित शिल्प मेले का उद्घाटन किया। । इस अवसर पर राज्य मंत्री ठा। मूलचंद चौहान, उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष सुदीप रंजन सेन तथा विभाग के सचिव व महानिदेशक अमृत अभिजात भी मौजूद थे। उद्घाटन के बाद लखनऊ हाट जनता के लिए खुल गया।

99ख्.फ्9 लाख लागत से बना पांच मंजिला भवन

गोमती नगर के विभूति खंड में 99ख्.फ्9 लाख की लागत से बने हाट में पर्यटकों, शिल्पकारों और नागरिकों के लिए एक अनूठा आकर्षण होगा। ख्ख् हजार वर्ग फिट में बने पांच मंजिल इस इमारत में जनता को प्रदेश के कई जनपदों के हस्तशिल्प वस्तुओं को खरीदने का मौका मिलेगा। पर्यटन निगम के अधिकारी नीरज पाहूजा ने बताया कि हाट के पहली मंजिल पर इंपोरियम के लिए दूसरा व तीसरे मंजिल पर हथकरघा तथा हस्तशिल्पकर्मियों को सामानों की बिक्री के लिए दुकानें आवंटित की गई हैं। पहले व चौथे मंजिल पर क्भ्-क्भ् दिवसीय प्रदर्शनियों के आयोजन होंगे। पांचवे तल पर फूडकोर्ट की सुविधा उपलब्ध है।

हाट में फ्म् दुकानें और फूड जोन

हाट में कुल फ्म् दुकानें बनी हैं। इसमें दुकानों, प्रदर्शनी हाल, डिस्पले एरिया, फूडकोर्ट तथा बेसमेंट एवं ग्राउंड फ्लोर पर पाìकग की व्यवस्था कराई गई है। फ्म् दुकानों के अलावा शिल्प मेले का भी आयोजन किया गया है। इसमें लगभग 80 शिल्पकारों ने अपनी शिल्प विधा का प्रदर्शन किया है। इसका आयोजन सूडा, डूडा, जिला उद्योग केंद, केंद्रीय हस्तशिल्प विभाग, खादी ग्रामोद्योगपरिषद तथा नाबार्ड आदि के सहयोग से कराया जा रहा है।

यहां साजो-सामान एक छत के नीचे

सहारनपुर के फर्नीचर, बच्चों के लिए किड जोन, प्रतापगढ़ का अचार, मथुरा की मोती माला, बागपत की कॉटन बेडशीट, लखनऊ का चिकन, अलीगढ़ की ज्वैलरी, बनारस की साडि़यां, बिजनौर के लकड़ी उत्पाद, खीरी का लेदर वर्क, गौतमबुद्ध नगर का हैंडलूम, उड़ीसा और पुणे का मेटल वर्क, गाजीपुर वाल हैंगिंग और जूट के उत्पाद उपलब्ध हैं। चित्रकूट में तैयार सौ रुपए में बांस से बना लिफाफा काफी आकर्षक है। अलीगंज की शर्मिला महाराज ने बताया कि उनकी दुकान पर शारीरिक रूप से अपंग महिलाओं के जरिए तैयार किए गए कुशन कवर, बैग, बेडशीट जैसी चीजें बिक्री के लिए रखी गई हैं।

Posted By: Inextlive