गांव कोट संतोख राय के रहने वाले और साल्वेशन आर्मी के मेजर रहे लब्भू मसीह ने जिन्दा रहते ही अपने लिए घर के पास दो कनाल जमीन में सात लाख रुपये की लागत से एक आलीशान कब्र बनवाई है.


कहते हैं कि मौत के बारे में लोग हमेशा बात करने से बचते हैं. जीने की तैयारी तो हर कोई करता है पर मरने के बारे कोई भी सोचना नहीं चाहता. मगर पंजाब के गुरूदासपुर में रह रहे आर्मी के एक एक्स मेजर को मौत का हर्गिज भी खौफ नहीं है. यही वजह है कि उन्होने जीते-जी अपने लिए आलीशान कब्र और ताबूत बनवा कर रख लिए हैं. अब वह मौत के इंतजार में अपनी बाकी जिंदगी गुजार रहे हैं. गांव कोट संतोख राय के रहने वाले और साल्वेशन आर्मी के मेजर रहे लब्भू मसीह ने जिन्दा रहते ही अपने लिए घर के पास दो कनाल जमीन में सात लाख रुपये की लागत से एक आलीशान कब्र बनवाई है. कब्र आठ फीट लंबी, पांच फीट चौड़ी और सात फीट गहरी है. उन्होंने तीस हजार रुपये की लागत से एक ताबूत भी तैयार करवाया है.


मेजर के मुताबिक उनका पूरा परिवार पांच लड़के और दो लड़कियां फारेन सेटल्ड हैं. वे अपने देश में मरने की इच्छा रखते हैं इसलिये एब्राड नहीं जाते हैं. उनको पंजाब और अपने गांव की मिट्टी से प्यार है. इसलिए वह चाहते हैं कि उन्हें इसी कब्र में दफनाया जाए.

लाल मसीह सोशल वर्क्स में भी इनवाल्व हैं. लाल मसीह ने कहा कि लोग अपनी मौत से घबराते हैं. घरों में श्मशानघाट नहीं बनाते. लेकिन मौत तो आनी ही है. इससे डर किस बात का इसे एक्सेप्ट करना चाहिए. उन्होंने कब्र के एक तरफ अपनी डेट आफ बर्थ 27 जुलाई 1929 का पत्थर लगाया हुआ, जबकि मरने की तारीख खाली छोड़ रखी है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से कई लोग आते हैं. इस समय रिटायर्ड मेजर लाल मसीह बीमारी के चलते हाल्पिटलाइज्ड हैं.

Posted By: Divyanshu Bhard