डीएमके प्रमुख एम करूणानिधि ने अपने बड़े बेटे एमके अड़ागिरी को पार्टी से निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही तमिलनाडु राजनीति का पारिवारिक झगड़ा एक बार फिर सबके सामने आ गया है.


62 वर्षीय अड़ागिरी डीएमके प्रमुख के बड़े बेटे हैं, जिनकी पिछले कई वर्षों से पार्टी पर नियंत्रण को लेकर अपने भाई एमके स्टालिन के साथ रस्साकशी होती रही है."डीएमके ने 10 जनवरी को पार्टी अनुशासनहीनता के आरोप में अलागिरी के पांच समर्थकों को निलंबित कर दिया था. इससे पहले करूणानिधि ने अपने बेटे को पार्टी के विरूद्ध गतिविधियों और गठबंधन को लेकर अपने विचार सार्वजनिक करने को लेकर चेताया भी था. "अपने बयान में डीएमके का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अड़ागिरी को अनुशासनहीनता के कारण पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से निलंबित किया जाता है.डीएमके ने 10 जनवरी को पार्टी अनुशासनहीनता के आरोप में अड़ागिरी के पांच समर्थकों को निलंबित कर दिया था. इससे पहले करूणानिधि ने अपने बेटे को पार्टी के विरूद्ध गतिविधियों और गठबंधन को लेकर अपने विचार सार्वजनिक करने को लेकर चेताया भी था.स्टालिन होंगे राजनीतिक वारिस


वहीं 89 वर्षीय करूणानिधि ने स्पष्ट कर दिया है कि स्टालिन उनके राजनीतिक वारिस होंगे.

इससे पहले भी कई बार की उठापटक के दौरान अड़ागिरी ने वर्ष 2010 में यहां तक घोषणा कर दी थी की उनके पिता करूणानिधि के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त होने के बाद डीएमके को इसके शीर्ष पदों के लिए चुनाव कराने चाहिए और उन्होंने इस दौड़ में शामिल होने के संकेत भी दिए थे.अड़ागिरी के इस बयान के बाद करूणानिधि ने अपने पद से हटने का इरादा टाल दिया था.

Posted By: Subhesh Sharma