Patna: मिथिला का परंपरागत त्योहार है मधुश्रावणी. कहते हैं नई-नवेली दुल्हन शादी के बाद पहले सावन में मनभावन गीत सुनाए तो समझो मधुश्रावणी है. नई दिशा की ओर से शुक्रवार को बेलवरगंज के गिरिराज उत्सव पैलेस में नव-विवाहिताओं ने मधुश्रावणी मनाया.


सखी फूल लोढ़े चली फुलवरियामहिलाएं हरी साड़ी पहन, सोलह श्रृंगार कर हाथों में फूलों का थाल लिए गीत गा रही थीं। 'सखी फूल लोढ़े चली फुलवरिया, बिसहारे सोभे मोरा किछु नाहि भेल, गौरी पुजु जनक भवन मेंÓ आदि गीत गाए। महिलाओं की टोली सावन व भगवान शिव की महिमा के गीत गुनगुनाते फूल लोढ़ रही थी, तो सावन हरियाली छटा बिखेर रही थी। 15 दिनों तक चलता हैगौरीशंकर मंदिर, गायघाट के पुजारी राजकिशोर जी ने बताया कि मधुश्रावणी मिथिला में न्यूली मैरिड के लिए महत्व रखता है। यह पर्व सावन के दूसरे पक्ष से शुरू होकर 15 दिनों तक चलता है। यह पति की रक्षा व सौभाग्य के लिए किया जाता है। इस पूजा में लवली सिंह, मोनिका, प्रीति, रिंकी, पिंकी गुप्ता, निशी, अनामिका, निहारिका, डौली, नंदिनी, मंजु सिन्हा, प्रियंका, पूजा, पूनम, कोमल आदि शामिल हुईं।

Posted By: Inextlive