मद्रास हाई कोर्ट के मदुरई बेंच ने एक फ़ैसले में कहा है कि कोई भी तलाक़शुदा महिला तभी तक गुज़ारा भत्ते की हक़दार है जब तक वह किसी दूसरे पुरुष के साथ यौन संबंध न बनाए।


फ़ैसले के मुताबिक़ तलाक़ के बाद यौन संबंध रखने पर महिला पति से गुज़ारा भत्ता नहीं मांग सकती।जस्टिस एस नागमुथु ने एम चिन्ना करुप्पसामी बनाम कानीमोझ़ी मामले में यह फ़ैसला दिया।करुप्पसामी ने अपनी पत्नी पर व्यभिचार का आरोप लगाते हुए अदालत में तर्क दिया कि वे तलाक़ के बाद अपनी बीवी को हर महीने एक हज़ार रुपए का गुज़ारा भत्ता नहीं देंगे।'यौन अनुशासन ज़रूरी'इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोहताश बनाम रामेंद्री मामले में कहा था कि धारा 125 (4) तभी तक लागू हो सकती है जब तक शादी बची हुई हो।जस्टिस नागमुथु ने इसके बारे में कहा कि उनके विचार से तलाक़ के बाद भी यह धारा लागू होती है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh