एसटीएफ द्वारा दिये गए सुझावों को जेल प्रशासन ने रखा ताक पर। सुलखान सिंह कमेटी की सिफारिशें भी फांक रही धूल।


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LUCKNOW : कुख्यात माफिया सरगना अतीक अहमद द्वारा राजधानी के एक कारोबारी को अगवा करवाकर देवरिया जेल में प्रताडि़त करने की खबर ने प्रदेश की जेलों की असल सूरत एक बार फिर सबके सामने रख दी है। एक तरफ सरकार प्रदेश में अपराधियों पर नकेल कसने के लिये उनकी जेल शिफ्ट करवा रही है, वहीं अपराधी बदली गई जेलों में भी खुलेआम अपनी सल्तनत चला रहे हैं। संगठित अपराध पर रोकथाम के लिये गठित यूपी एसटीएफ ने समय-समय पर जेल विभाग को अपराधियों की हरकतों पर लगाम लगाने के लिये सुझाव दिये लेकिन, उन्हें जेल विभाग लागू नहीं करवा सका। उधर, जेल के हालात सुधारने के लिये पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की सिफारिशें भी धूल फांक रही हैं। ऐसे में प्रदेश की जेलों की सूरत बदलने की सरकार की मंशा सवालों के घेरे में है।

गोपनीय जांच में आई थी तमाम खामियां


एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश की जेलों की सूरत सुधारने के लिये शासन ने यूपी एसटीएफ को जेलों में बरती जा रही खामियों की जांच सौंपी थी। जिसके बाद एसटीएफ की टीमों ने तमाम जेलों के हालात की गोपनीय जांच की। जांच में सामने आया था कि जेलों में बंद प्रभावशाली बंदी अधिकारियों से मिलीभगत कर जेल में अपनी सत्ता चला रहे हैं। उनसे मिलने आने वाले मुलाकातियों को बाईपास कर मुलाकात कराई जाती है। वहीं, हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया जेलों में खुलेआम चहलकदमी करते हैं। जेल के भीतर उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं, साथ ही वे जब और जिसे चाहें फोन कर बात कर रहे हैं। जेलों के हालात की रिपोर्ट के बाद ही शासन ने माफियाओं व शातिर अपराधियों की जेल बदली का आदेश दिया था।

एसटीएफ ने दिए थे सुझाव - अपराधियों से मुलाकात करने के नियमों का सख्ती से पालन कराना

- मुलाकातियों को फर्जी नाम से मिलने से रोकने को आईडी प्रूफ चेकिंग

- जेल के भीतर हाईसिक्योरिटी बैरक में बंद अपराधियों की जेल में चहलकदमी पर रोक

- जेलों के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए बंदियों की समुचित निगरानी

- जेलकर्मियों द्वारा अपराधियों से मिलीभगत करने पर रोक लगाना

सुलखान सिंह कमेटी की सिफारिशें फांक रही धूल


जेलों के हालात में आमूल-चूल परिवर्तन की नीयत से शासन ने पिछले वर्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने तमाम पहलुओं पर विचार कर अपनी सिफारिशें शासन को सौंपी थीं। सूत्रों के मुताबिक, इन सिफारिशों में मुलाकात की प्रक्रिया, कोर्ट में पेशी के दौरान बंदियों की निगरानी, बंदियों की जेल में चहलकदमी, जेलों में स्टाफ की पोस्टिंग समेत तमाम बिंदुओं में भारी बदलाव को कहा गया था। पर, चार महीने बीत जाने के बावजूद कमेटी की रिपोर्ट की एक भी सिफारिश को लागू नहीं किया जा सका।

जेलों के भीतर इन घटनाओं ने कराई फजीहत

- बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या

- रायबरेली जेल में शातिर अपराधियों द्वारा पार्टी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल

- देवरिया जेल में माफिया अतीक अहमद द्वारा कारोबारी को प्रताडि़त करके कंपनियां अपने गुर्गों के नाम कराईं

- बस्ती जेल में छापेमारी में 27 स्मार्टफोन, आधा दर्जन चाकू बरामद

- यूपी एसटीएफ ने दो कारोबारियों की हत्या करने जा रहे शूटर अमन सिंह को अरेस्ट किया। पूछताछ में पता चला कि उसे इन हत्याओं की सुपारी मीरजापुर जेल में बंद मुन्ना बजरंगी गैंग के अपराधी रिंकू सिंह ने फोन कर दी है।

- प्रयागराज की नैनी जेल में बंद अपराधी ऊधम सिंह करनावल द्वारा फोन पर मेरठ के मार्बल कारोबारियों से रंगदारी की मांग, एसटीएफ ने गुर्गे को दबोचा

- विधानसभा चुनाव के दौरान माफिया बृजेश सिंह ने सैय्यदराजा सीट से लड़ रहे भतीजे सुशील को समर्थन के लिये ग्राम प्रधानों को फोन कर धमकाया

जेलों के हालात में जो भी खामियां सामने आती हैं उनमें सुधार के लिये जेल विभाग को समय-समय पर सुझाव दिये जाते हैं।

- अभिषेक सिंह, एसएसपी

जेलों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन कर जो भी खामियां मिली थीं, उनमें सुधार के लिये शासन को रिपोर्ट बनाकर सौंप दी गई है। इसके बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती।

- सुलखान सिंह, पूर्व डीजीपी

Posted By: Chandramohan Mishra