माघ मेला में 'राजनीति' पर रखेंगे नजर
राजनीतिक शिविरों के हर हलचल की वीडियोग्राफी कराएगा प्रशासन
विहिप के शिविर में होगा सबसे बड़ा आयोजन, मंदिर निर्माण पर चर्चा समाजवादी चिंतन शिविर, कांग्रेस सेवादल के भी होंगे शिविर होर्डिग्स और पोस्टर से शुभकामना पर भी रहेंगी निगाहें ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश में चुनावी समर के बीच आस्था की नगरी में लग रहे माघ मेला में कोई राजनीति न हो इसके लिए प्रशासन ने कमर कसी है। प्रशासन ने मेला में लगने वाले राजनीतिक शिविरों की हर गतिविधि की वीडियोग्राफी कराने का निर्णय लिया है। मेला में विश्व हिन्दू परिषद, समाजवादी चिंतन शिविर, कांग्रेस सेवादल सहित कई बड़े संतों के शिविरों में होने वाले धार्मिक आयोजनों में नेताओं के जमावड़े पर भी प्रशासन की नजर है। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में राजनीतिक दलों के बैनर पोस्टर को भी बैन किया गया है। विहिप के शिविर में आयोजनविश्व हिन्दू परिषद का शिविर परेड ग्राउंड में लगाया गया है। यहां 13 जनवरी से आयोजन शुरु हो जाएंगे, लेकिन सबसे बड़ा आयोजन 21 से 25 जनवरी तक चलेगा। इसमें विश्व हिन्दू परिषद के मार्गदर्शक मंडल की बैठक होनी है और उसमें राम मंदिर निर्माण को लेकर आगे का रास्ता तय किया जाएगा। त्रिवेणी मार्ग के उत्तरी पटरी पर समाजवादी चिंतन शिविर में 13 जनवरी से आयोजन शुरु हो जाएंगे।
25 जनवरी को संत सम्मेलन
कांग्रेस सेवादल का शिविर भी काली मार्ग पर लग चुका है। त्रिवेणी मार्ग पर स्थित स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिविर में 25 जनवरी को बड़े स्तर पर संत सम्मेलन का आयोजन होना है। चर्चा है कि इन आयोजनों में राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं का भी जमावड़ा लगेगा। ऐसे आयोजनों की वीडियोग्राफी कराने का निर्णय लिया गया है। मेला क्षेत्र में कोई भी राजनीतिक व्यक्ति आता है या संत-महात्माओं के आयोजन में शामिल होता है तो उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। शुभकामना संदेश या स्नान पर्वो से संबंधित होर्डिग्स लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुनीत कुमार शुक्ला, आचार संहिता प्रभारी व एडीएम सिटी