समस्त हिंदू धर्म में गंगा स्नान को पवित्र व महत्वपूर्ण माना गया है। इस पवित्र स्नान का सिलसिला गुरुवार को स्नान-पर्व दान की पूर्णिमा से गुरु हो रहा है। इसके बाद मकर- संक्रान्ति मौनी अमावश्या बसंत पचंमी और माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान को भक्तों में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इन सभी पर्वों का ज्योतिष में महत्व है कि गंगा स्नान सभी स्नानों में सर्वोच्च है। खासकर इन दिनों किए गए दान व स्नान से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ पूर्णिमा के साथ ही माघ स्‍नान शुरु हो गया है।


स्नान- दान की पूर्णिमा स्नान और दान की पूर्णिमा 10 जनवरी 2020 को पौष पूर्णिमा होने के कारण शास्त्रों में इसका एक अलग ही महत्व बताया गया है कि इस दिन से माघ मास के पवित्र स्नान की भी शुरुआत हो जाती है। पौष पूर्णिमा व सम्पूर्ण माघ में सूर्योदय से पहले गंगा स्नान और भगवान वासुदेव की पूजा करनी चाहिए। मकर- संक्रान्ति पर गंगा स्नान का महत्वमाघ मास में सबसे बड़ी संक्रान्ति को ही मकर- संक्रान्ति कहते हैं जो कि 15 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन स्नान करने के बाद तिल चावल व जिन वस्तुओं के इस्तेमाल से खिचड़ी बन कर तैयारी होती है उसका दान करना चाहिए। वैसे तो हर महीने संक्रान्ति से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इसे उत्तरभारत में मकर- संक्रान्ति तो दक्षिण भारत में पोंगल कहते हैं। इस पर्व को अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।


मौनी अमावष्या पर गंगा स्नान का महत्व

माघ मास में सबसे बड़ी मौनी अमावश्या 24 जनवरी को पड़ रही है। इसे स्नान दान की अमावश्या कहा जाता है। मान्यता है कि मुनि शब्द से मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके स्नान करते हैं। उससे मुनि पद की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मौन रहने से आत्मविश्वास मजबूत होता है।बसंत पंचमी पर स्नान का महत्वबसंत पंचमी पर गंगा स्नान का महत्व है। इस बार ये 30 जनवरी को पड़ रही है। माघ पचंमी को यह दिन ऋतुराज बसंत के भगवान की सूचना देता है। भगवान विष्णु व सरस्वती जी की पूजा का विशेष महत्व है। रोली, चावल, पीले वस्त्र व पीले फल इस दिन दान करने चाहिए।गंगा स्नान का महत्व माघी पूर्णिमा परगंगा स्नान- दान का महत्वपूर्ण माघी पूर्णिमा 9 फरवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक दृष्टिकोण से स्नान पर्वों का यह अंतिम दिन माना गया है। स्नान आदि से निवृत हो कर भगवान विष्णु की पूजा पितृ श्राद्ध और भिक्षुक को दान देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि गंगा स्नान की सभी बाधाएं दूर होगीं। गरीबों को भोजन, वस्त्र, तिल, कंबल, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल व चरण पादुकाएं आदि दान करने से विशेष फल मिलता है। - ज्योतिषाचार्य पंडित दीपिक पांडेयMagh Snan 2020: माघ मास में धार्मिक दृष्टि से वर्जित हैं यह कार्य, इन नियमों का पालन करने से मिलेगा शुभ फल

Posted By: Vandana Sharma