पॉश एरिया महानगर की दुर्दशा का जिम्मेदार है बिल्डर
- निवासियों का आरोप है कि बिल्डर मेनटेनेंस का रुपया लेने के लिए नहीं करा रहा निगम में शामिल
- वर्षो से चली आ रही है निवासियों और बिल्डर में तनातनी, निवासी हो रहे परेशान, बिल्डर मौज में BAREILLY: शहर के बीचोंबीच बसी पॉश कॉलोनी महानगर को गांव बनाने में बिल्डर का खेल है। स्थानीय निवासियों ने बिल्डर को कटघरे में खड़ा किया और उस पर महानगर जैसे पॉश एरिया को गांव बनाए रखने का जमकर आरोप लगाया। कहा कि बिल्डर ने सभी निवासियों को धोखा दिया और कस्टमर्स से किए गए वादे से मुकर गया। जिसकी वजह से निवासियों को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से कॉलोनी वालों की पीड़ा प्रकाशित करने के बाद अब वह नगर विकास मंत्री से शिकायत कर कार्रवाई की मांग करने का मूड बना लिए हैं। बिल्डर ने बना रखा है गांवथर्सडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम पीलीभीत बाईपास स्थिति पॉश कॉलोनी महाननगर पहुंची। वहां निवासियों से जब कॉलोनी में समस्याओं के बारे में पूछा तो उन्होंने शिकायतों का पिटारा खोल दिया। कहा कि बिल्डर ने पहले नगर निगम में शामिल होने का वादा किया था लेकिन पजेशन होने के बाद वह मुकर गया। जिसके बाद दो वर्षो तक निवासियों और बिल्डर के बीच संघर्ष चला लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप के चलते मामल रफा दफा हो गया। तब से आज तक लगातार कॉलोनी को नगर निगम में शामिल किए जाने की मांग चल रही है। बताया कि प्रधान ग्रुप, राठौर ग्रुप और शुक्ला यह तीन ग्रुप इस कॉलोनी को नगर निगम में शामिल होने से रोक रहे हैं।
डकार रहा मेनटेनेंस का पैसा निवासी चंद्रपाल गुप्ता के मुताबिक बिल्डर मेनटेनेंस के नाम हर साल लाखों रुपए की मोटी कमाई कर रहा है। लेकिन सुविधाएं नदारद हैं। वर्ष 2003 के बाद से अब तक कॉलोनी में सड़क की मरम्मत न होने से यह जर्जर हो गई है। राहगीरों और वाहन चालक इस पर आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। स्ट्रीट लाइट का मेनटेनेंस निवासी चंदा लगाकर करवाते हैं। पानी की सप्लाई बिल्डर आए दिन बंद कर देता है। हाल ही में माह भर तक पानी और बिजली की सप्लाई बिल्डर ने बंद करा दी थी। माह भर तक तमाम मुसीबतों के बीच लोगों के दिन गुजरे थे। बताया कि ग्राम सभा में दर्ज होने की वजह से कॉलोनी राजनीति की भेंट चढ़ गई है। जिसका फायदा बिल्डर को मिल रहा है।बिल्डर की ही वजह से कॉलोनी नगर निगम सीमा में दर्ज नहीं हो पा रही है। जबकि नियमानुसार बीडीए अप्रूव्ड होने के बाद नगर निगम को हैंडओवर कर चाहिए।
एडवोकेट नरेश चंद्र गंगवार, निवासी नगर निगम में शामिल होने की बाद कॉलोनी की दशा बदल जाएगी। सीवर, वाटर और जलभराव की समस्या से निजात मिलने की पूरी संभावना है। महेश अग्रवाल, निवासी कई बार नगर निगम को पत्र लिखकर कॉलोनी को अपनी सीमा में शामिल करने की मांग की लेकिन अभी तक कोई सुनवाई न होने से दुर्दशा हो रही है। सुशील कुमार, निवासी कॉलोनी में सिक्योरिटी समेत कई समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। जिसकी शिकायत पर बिल्डर को कोई फर्क नहीं पड़ता वह सिर्फ कमाई कर रहा है। वीरभान, निवासी