महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में कोविड-19 से बने हालातों की समीक्षा के बाद धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया जाएगा। सीएम ठाकरे ने भी अपने पत्र में धर्मनिरपेक्षता के मायने को लेकर सवाल उठाया।


मुंबई (पीटीआई)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज मंगलवार को राज्यपाल बी एस कोश्यारी द्वारा सोमवार को भेजे गए पत्र का जवाब दिया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल बी एस कोश्यारी को लिखा कि राज्य सरकार धार्मिक पूजा स्थलों को फिर से खोलने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी। राज्य में वैश्विक महाराष्ट कोरोना वायरस स्थिति को देखते हुए ही इस पर फैसला किया जाएगा। अपने पत्र में राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने उल्लेख किया था कि उनसे राज्य में धार्मिक पूजा के स्थानों को फिर से खोलने की मांग करने वाले प्रतिनिधिमंडलों से तीन प्रतिनिधित्व मिले हैं। इसके जवाब में, सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह एक महज संयोग है कि जिन तीन पत्रों का उल्लेख राज्यपाल कोश्यारी ने किया है, वे भाजपा के पदाधिकारियों और समर्थकों के हैं।सीएम ठाकरे ने पत्र में सीएम ठाकरे से पूछे ये सवाल
आरएसएस दिग्गज कोश्यारी भाजपा के उपाध्यक्ष और उत्तराखंड में उस पार्टी की इकाई के पहले अध्यक्ष रहे हैं, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कोशियारी ने पूछा था, क्या आप अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए, ठाकरे ने सोचा कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना होता है। ठाकरे ने कहा क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है, जिसके नाम पर आपने राज्यपाल बनते समय शपथ ग्रहण की थी। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं और आस्थाओं को ध्यान में रखने के साथ साथ, उनके जीवन की रक्षा करना भी अहम है। लॉकडाउन अचानक लागू करना और समाप्त करना सही फैसला नहीं है।

Posted By: Shweta Mishra