ये बात तो वाकई हकीकत है कि सफलता और विफलता दोनों ही जिंदगी में हर हाल में स्‍वभाविक हैं। ऐसे में अगर हमें सफलता की उम्‍मींद हो तो विफलता के बारे में भी एक बार सोचकर चलना चाहिए। इसको लेकर एक बार पीएम मोदी ने 'मन की बात' में छात्रों से एक बात कही थी कि जो इंसान विफलता को एक अवसर की तरह मानता है वही सफलता का शिलान्‍यास भी करता है। पीएम की इसी बात का साक्षी बना है महाराष्‍ट्र के CM ऑफ‍िस में काम करने वाला एक चपरासी।

यह है जानकारी
यहां CM ऑफिस में काम करने वाले 50 वर्षीय अविनाश चोगले इन दिनों इसी बात को लेकर खास चर्चा में हैं। इनको लेकर सबसे बड़ी खास बात यह है कि इन्होंने इस उम्र में ही यह परीक्षा नहीं दी है। बल्कि बीते 28 साल से वह दसवीं की परीक्षा देते आ रहे हैं। इस क्रम में इस बार इनका जेकपॉट लग गया और वह पास हो गए। कुल मिलाकर अविनाश ने 28 साल बाद दसवीं की परीक्षा पास की है।   
 
CM ने दी बधाई
अविनाश की इस हिम्मत और लगन को देखकर महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडनवीस ने उन्हें बधाई दी है. अपनी इस कामयाबी को लेकर अविनाश काफी खुश हैं। उनका कहना है कि जब वह पढ़ाई करने के लिए अपनी क्लास में जाते हैं, तो कई बच्चे उन्हें किसी बच्चे का पिता मान लेते हैं। इस बात का उन्हें बिल्कुल भी बुरा नहीं लगता।
बच्चे समझते थे कुछ और
इसी क्रम में 1994 में तो उनके साथ हद ही हो गई थी। दरअसल इस सन् में एक टीचर ने उन्हें कॉलर से पकड़कर क्लासरूम से बाहर कर दिया था। क्लासरूम में अविनाश परीक्षा दे रहे थे। उनके क्लास से बाहर निकाले जाने का कारण थी उनकी उम्र। टीचर को लगा कि वह उनके साथ मजाक कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई सामने आने पर टीचर को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई और अविनाश को परीक्षा देने की इजाजत दे दी गई।   
मैथ्स में हो रहे थे फेल
अविनाश ने इतने सालों से अपने फेल होने का कारण बताया कि वह ज्यादातर मैथ्स में ही फेल होते थे। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। बताया जा रहा है कि इस बार इन्होंने मैथ्स में 38 नंबर पाए। बताते चलें कि अविनाश ने 1990 में मंत्रालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरू किया था। तब से अब तक वह परीक्षा देते आ रहे हैं।

Hindi News from India News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma