महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद भी सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा। उद्धव गुट ने स्पीकर के फैसले के खिलाफ एक सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली है जिस पर 11 जुलाई को सुनवाई होगी।

नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उद्धव ठाकरे गुट की उस नई याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमत हो गया जिसमें शिवसेना के बागियों के नये पार्टी व्हिप को मान्यता देने के महाराष्ट्र विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी गई थी। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नई याचिका पर 11 जुलाई को ग्रीष्म अवकाश के बाद अन्य लंबित याचिकाओं के साथ उसी पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी।

11 जुलाई को एक साथ होगी सुनवाई
ठाकरे समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा,“वक्ता के पास व्हिप को मान्यता देने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। यह इस अदालत के समक्ष कार्यवाही की यथास्थिति को बदल रहा है। कल आधी रात को स्पीकर ने व्हिप चुन लिया।” इस पर जस्टिज बनर्जी ने कहा,“मेरे सामने कागजात नहीं हैं। 11 जुलाई को एक साथ इस पर सुनवाई करेंगे।'

बदल गया व्हिप
एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार के महत्वपूर्ण विश्वास मत से पहले उद्धव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने रविवार रात शिवसेना विधायक अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र ने शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया और शिवसेना के मुख्य व्हिप के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावाले की नियुक्ति को मान्यता दी।

विधायकों के निलंबन का भी मामला
इससे पहले 1 जुलाई को शीर्ष अदालत ने शिंदे और 15 बागी विधायकों की विधानसभा से निलंबन की मांग करने वाली शिव प्रभु की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी, जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं लंबित हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari