महाराष्ट्र में सरकार को लेकर फंसा सियासी पेंच, राज्यपाल ने एनसीपी को दिया न्योता
मुंबई/नई दिल्ली (एजेंसियां)। एनसीपी की मांग पर शिवसेना एनडीए गठबंधन से बाहर निकल आई और इसके बाद उसके केंद्र सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने पद से इस्तीफा दे दिया। दिन भर कांग्रेस, एनसीपी व शिवसेना तीनों ही खेमों में बैठकों का दौर चला। बहरहाल अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि तीनों दल मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रहे हैं, या फिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगेगा।
एनसीपी को मिला न्योता, मंगलवार शाम तक देना है जवाब
एनसीपी लीडर जयंत पाटिल ने कहा है कि प्रक्रिया के अनुसार सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने हमें पत्र दिया है। एनसीपी महाराष्ट्र में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। हमें अपने सहयोगियों से बात करनी होगी और हम जल्द से जल्द उसके पास लौटेंगे। हमे सरकार बनाने के को लेकर मंगलवार रात 8.30 बजे तक राज्पाल को जवाब देना है। इसी दौरान भाजपा कोर टीम की बैठक के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवर ने कहा कि हम वेट एंड वाच के रूप में मौजूदा हालात पर नजर बनाए हुए हैं। गठबंधन सरकार बनाने को लेकर मंगलवार को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच फिर से कई बैठकों का दौर चलने की उम्मीद है।
राज्यपाल से मिले शिवसेना नेता
देर शाम आदित्य ठाकरे व एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के प्रमुख नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। राज्यपाल ने बीजेपी के इनकार के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता व पार्टी से सोमवार शाम तक अपना जवाब देने के लिए कहा था।
दिन भर चला बैठकों का दौर
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को अपने आवास पर नई दिल्ली में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ कई दौर की बैठक की। उन्होंने पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल को राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना और एनसीपी को हां कहने से पहले पार्टी विधायकों के साथ चर्चा करने और उनकी चिंताओं के बारे में जानने के लिए कहा। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के आवास पर हुई बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, और सुशील कुमार शिंदे समेत राज्य इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट, वरिष्ठ नेता विजय वतेदीवार, रजनी पाटिल और अन्य उपस्थित थे। महाराष्ट्र के नेताओं के अलावा, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य भी बैठक में मौजूद थे। कांग्रेस, जिसने 21 अक्टूबर को राज्य की 288 सीटों में से 44 सीटें जीती थीं, अपने सभी विधायकों को खरीद फरोख्त के डर से जयपुर भेज दिया है। कांग्रेस के सूत्रों ने पहले कहा था कि बाहर से समर्थन देने या सरकार में शामिल होने का निर्णय राज्य के नेताओं से परामर्श के बाद ही लिया जाएगा।
दिन में, केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि, अरविंद सावंत ने घोषणा की कि वह मंत्री पद छोड़ रहे हैं। बीजेपी पर अपनी पार्टी से 50:50 के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई भी बातचीत न करने के आरोपों ने ठाकरे परिवार के गौरव को चोट पहुंचाई और बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के जारी रहने पर सवालिया निशान लगा दिया।
सरकार बनाने से पीछे हटी बीजेपी
रविवार को, बीजेपी ने राज्यपाल बी.एस. कोशियारी को बताया कि वह 105 सीटों के साथ विधानसभा में अकेली सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकती है, और उन्होंने तब शिवसेना को आमंत्रित किया, जो नई विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। शिवसेना ने 288 सीटों में से 56 सीटें जीतीं हैं। सरकार गठन पर चर्चा के लिए एनसीपी के वरिष्ठ नेतृत्व व कोर कमेटी की भी बैठक हुई। बैठक के बाद, पवार ने सरकार के गठन पर चर्चा करने के लिए शिवसेना प्रमुख और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से मुलाकात की।