शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा महाराष्ट्र में दिसंबर से पहले एक नई सरकार बन जानी चाहिए और इस पर अंतिम फैसला एक या दो दिन में लिया जाएगा। उनका यह बयान तब आया है जब उनकी पार्टी व कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के बीच बातचीत जारी है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। संजय राउत कहा है कि वह गुरुवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के गठन के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए, तीनों पक्षों के बीच एक और बैठक मुंबई में होगी। उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि इस सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच किसी बैठक की कोई योजना नहीं है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादक राउत एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन के साथ विचार-विमर्श करने वाले प्रमुख नेता के रूप में सामने आए हैं।एक-दो दिन में बन जाएगी आम सहमति


'संजय राउन ने कहा कि कल (बुधवार) की बैठक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर थी और दोनों दलों (एनसीपी और कांग्रेस) के नेताओं ने कहा था कि विचार-विमर्श सकारात्मक थे। एक या दो दिनों में, तीनों पार्टियां आम सहमति पर पहुंच जाएंगी। दिसंबर से पहले शिवसेना के नेतृत्व में महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार मिलेगी।'

उन्होंने आगे जोड़ा, 'राज्य और उसके लोगों के हित में, हम सरकार चलाना चाहते हैं और वह भी पांच साल के लिए।'मुख्यमंत्री के नाम पर चुप्पी

बुधवार को एक मैराथन बैठक के बाद, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने कहा कि वे महाराष्ट्र में गठबंधन बनाने और स्थिर राज्य सरकार देने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हैं। शिवसेना ने अभी भी इस बात पर चुप्पी साध रखी है कि उसकी ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा। राउत ने कहा, 'आपको इसके बारे में जल्द ही पता चल जाएगा। लेकिन सभी शिवसैनिक और राज्य के लोग उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।' एनसीपी की मांग पर कि मुख्यमंत्री का पद रोटेशन के  आधार पर होना चाहिए, राउत ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।महाराष्ट्र में दिसंबर के पहले सप्ताह में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार: संजय राउतधर्मनिरपेक्षता का मतलब नहीं सिखाएं
कांग्रेस की शिवसेना के पुराने रवैये चिंता के बारे में एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि देश और इसका संविधान धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है। 'जब हम इसे स्वीकार करते हैं तो आप किसानों, बेरोजगारों के बीच अंतर नहीं करते हैं। छत्रपति शिवाजी ने हर धर्म और जाति का ध्यान रखा। इसलिए महाराष्ट्र को नए विचारों को आयात करने की आवश्यकता नहीं है,' उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने सार्वजनिक रूप से इस बात की वकालत की थी कि अदालतों में धार्मिक किताबों की शपथ को रोक दिया जाए और उसकी जगह संविधान ले। 'तो हमें धर्मनिरपेक्षता का मतलब नहीं सिखाएं', राउत ने कहा।महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर सोनिया गांधी से मिले शरद पवार

Posted By: Vandana Sharma